नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शिक्षा और संस्थानों को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
राहुल ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को स्वतंत्रता की आवश्यकता है और संस्थानों का संचालन विचारधारा नहीं, बल्कि ज्ञान और विज्ञान के आधार पर किया जाना चाहिए।
राहुल ने ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा कि हाल में उन्होंने जन संसद में भारतीय सांख्यिकी संस्थान के छात्रों से मुलाकात की, जिन्होंने देशभर के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों की ओर से लगातार उठाई जा रही उन्हीं गंभीर चिंताओं को दोहराया।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि छात्रों के अनुसार आरएसएस भारतीय सांख्यिकी संस्थान को संस्थागत रूप से धीरे-धीरे अपने नियंत्रण में ले रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोई सामान्य संस्था नहीं है, बल्कि यह सांख्यिकी, गणित, अर्थशास्त्र, डेटा विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और नीति-निर्माण में उच्च स्तरीय शोध करता है और इसने देश के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञ तैयार किए हैं।
राहुल ने कहा, “अकादमिक परिषदें, जिनका संचालन शिक्षाविदों को करना चाहिए, अब नौकरशाही और वैचारिक हस्तक्षेप का सामना कर रही हैं। पाठ्यक्रम और अनुसंधान को भी आरएसएस की विचारधारा के जरिये नियंत्रित किया जा रहा है।”
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “यह शैक्षणिक सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा और संस्थानों को कमजोर करने की साजिश है, ताकि युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेला जा सके और इन संस्थानों का निजीकरण किया जा सके या उनकी संपत्ति बेची जा सके।”
फेसबुक पर एक अन्य पोस्ट में राहुल ने कहा कि वह जन संसद में भदोही के बुनकरों से मिले, जिन्होंने अमेरिका की ओर से लगाए गए कड़े शुल्क (टैरिफ) के मद्देनजर उन जमीनी हकीकतों के बारे में चिंता जताई, जिनका वे सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही कहा था-‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए शुल्क आर्थिक तूफान लाने जा रहे हैं, जिससे लाखों लोगों को नुकसान होगा’-लेकिन (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी चुपचाप बैठे हैं। भदोही के बुनकर उसी चेतावनी की जमीनी सच्चाई बता रहे हैं।”
भाषा आशीष पारुल
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