बिहार के रोहतास में परीक्षण के दौरान नवनिर्मित रोपवे ध्वस्त, कोई हताहत नहीं

बिहार के रोहतास में परीक्षण के दौरान नवनिर्मित रोपवे ध्वस्त, कोई हताहत नहीं

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  • Publish Date - December 26, 2025 / 11:26 PM IST,
    Updated On - December 26, 2025 / 11:26 PM IST

सासाराम, 26 दिसंबर (भाषा) बिहार के रोहतास जिले में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब परीक्षण के दौरान नवनिर्मित रोपवे ध्वस्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

यह घटना रोहतास प्रखंड से रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम को जोड़ने वाले रोपवे के परीक्षण के दौरान हुई, जब उससे जुड़ा एक टावर भी क्षतिग्रस्त हो गया।

अधिकारियों के अनुसार परीक्षण के दौरान उपयोग में लाई जा रही चार ट्रॉलियां क्षतिग्रस्त हो गईं, हालांकि मौके पर मौजूद श्रमिकों ने सतर्कता बरतते हुए खुद को सुरक्षित बचा लिया।

इस घटना के बाद रोपवे निर्माण की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अभियंता खुर्शीद करीम ने संवाददाताओं से कहा, “रोपवे का परीक्षण कार्य चल रहा था। लोड बढ़ाने के दौरान एक तार फंस गया, जिससे यह नुकसान हुआ।”

उन्होंने बताया कि अभी काफी काम शेष है, जिसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है।

करीम ने कहा, “कोलकाता से एक टीम जांच के लिए आ रही है। जब तक परीक्षण के परिणामों से अधिकारी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाते, तब तक रोपवे सेवा आम जनता के लिए शुरू नहीं की जाएगी।”

इस घटना को लेकर कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष राजेश राम ने सरकार को घेरते हुए कहा कि कमीशनखोरी की भेंट चढ़ा रोहतासगढ़ रोपवे।

उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा कि जब टावर मात्र चार ट्रॉलियों का भार सहन नहीं कर सका, तो भविष्य में 12 ट्रॉलियों के भार के साथ पर्यटकों की जान कैसे सुरक्षित रहेगी? इसकी उच्च स्तरीय जांच कर निर्माण कंपनी को काली सूची में डालने और परियोजना प्राप्ति में कमीशनखोरी की जांच आवश्यक है।

राम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को कमीशनखोरी की जड़ करार देते हुए कहा कि राज्य में 40 प्रतिशत की कमीशनखोरी सरकार द्वारा निर्धारित है ऐसे में निर्माण कार्य घटिया स्तर के ही होंगे।

भाषा

कैलाश

रवि कांत