मुझे, अभिषेक को निशाना बना रही भाजपा, हम सुरक्षित नहीं : ममता |

मुझे, अभिषेक को निशाना बना रही भाजपा, हम सुरक्षित नहीं : ममता

मुझे, अभिषेक को निशाना बना रही भाजपा, हम सुरक्षित नहीं : ममता

:   Modified Date:  April 21, 2024 / 05:57 PM IST, Published Date : April 21, 2024/5:57 pm IST

कुमारगंज (बंगाल), 21 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें और उनके भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को निशाना बना रही है तथा वे दोनों सुरक्षित नहीं हैं।

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक दिन पहले कहा था कि सोमवार को एक बड़ा धमाका होगा, जो तृणमूल और उसके शीर्ष नेतृत्व को हिला कर रख देगा, जिसके बाद ममता ने यह आरोप लगाया है।

बलूरघाट लोकसभा क्षेत्र के कुमारगंज में पार्टी उम्मीदवार और राज्य में मंत्री बिप्लब मित्रा के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ”भाजपा मुझे और अभिषेक को निशाना बना रही है। हम सुरक्षित नहीं हैं लेकिन हम केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी की साजिश से भी नहीं डरते हैं। हम हर किसी से तृणमूल नेताओं और पश्चिम बंगाल के लोगों के खिलाफ साजिश के प्रति सावधान रहने का आग्रह करते हैं।”

तृणमूल प्रमुख ने अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”एक गद्दार है, जिसने अपने परिवार और अवैध संपत्ति को बचाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया। मैं उन्हें बता दूं कि चॉकलेट बम धमाका करने की उनकी धमकी को तवज्जो नहीं देते हैं।”

उन्होंने कहा, ”हम पटाखे फोड़कर उनका मुकाबला करेंगे। हम पीएम केयर फंड में विसंगतियों और प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने के ‘जुमले’ को उजागर कर रहे हैं। वे केवल झूठ फैलाते हैं।”

ममता ने भाजपा पर धर्म आधारित वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और सवाल किया, ‘‘दूरदर्शन का ‘लोगो’ अचानक भगवा क्यों हो गया? सेना के जवानों के आधिकारिक आवास को भगवा रंग से क्यों रंगा गया? काशी (विश्वनाथ मंदिर) में पुलिस की वर्दी भगवा रंग की क्यों कर दी गई?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम फैसले (दूरदर्शन के ‘लोगो’ का रंग बदलने) का कड़ा विरोध करते हैं…यह भाजपा के निरंकुश शासन का एक और उदाहरण है। यदि वह सत्ता में बनी रहती है तो भविष्य में कभी चुनाव नहीं होंगे। एक व्यक्ति, एक पार्टी का शासन होगा और विभिन्न समुदायों के धार्मिक अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे।’’

भाषा जितेंद्र सुभाष

सुभाष

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