असम में ‘इंडिया’ की कोई ताकत नहीं, भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी : सोनोवाल

असम में ‘इंडिया’ की कोई ताकत नहीं, भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी : सोनोवाल

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  • Publish Date - July 27, 2025 / 04:21 PM IST,
    Updated On - July 27, 2025 / 04:21 PM IST

(त्रिदीप लाहकर)

गुवाहाटी, 27 जुलाई (भाषा) विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के पास असम में जमीनी स्तर पर कोई ताकत नहीं होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाला राजग अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाएगा।

‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में असम के पूर्व मुख्यमंत्री ने असम की राजनीति में वापसी पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई और कहा कि राज्य में चुनाव के दौरान पार्टी उनसे जो भी करने को कहेगी, वह उसका पालन करेंगे।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सोनोवाल ने कहा, “वे कुछ भी कर लें, लेकिन ‘इंडिया’ में कोई ताकत नहीं है। ‘इंडिया’ गठबंधन मीडिया और प्रचार के लिए तो अच्छा है, लेकिन जमीनी स्तर पर लगभग शून्य कार्यकर्ताओं के साथ उसके पास कोई ताकत नहीं बची है।”

विपक्ष ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ ‘इंडियन नेशनल डवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) का गठन किया है। भाजपा के नेता हालांकि ‘इंडिया’ को अक्सर ‘इंडी गठबंधन’ के तौर पर संबोधित करते हैं।

सोनोवाल ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा लोकसभा सांसद गौरव गोगोई को अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बावजूद, विपक्षी दल खुद को पुनर्जीवित करने और सत्तारूढ़ गठबंधन का कोई महत्वपूर्ण प्रतिरोध करने में विफल रहेगा।

उन्होंने कहा, “और जनता उन पर भरोसा क्यों करेगी? उन्हें 55 साल तक शासन करने का मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने सिर्फ 11 साल में चमत्कार कर दिखाया है।”

सोनोवाल ने कहा कि सर्वांगीण विकास के साथ सभी के जीवन में बदलाव आया है और लोग इसके लिए ऋणी महसूस करते हैं।

असम में भाजपा के सत्ता में लौटने और अगली सरकार बनाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सोनोवाल ने कहा, “बेशक, हम सरकार बना रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है। लोग असम में विकास और शांति के लिए भाजपा को सत्ता में देखना चाहते हैं।”

केंद्रीय मंत्री 2016 में असम के पहले भाजपा मुख्यमंत्री बने। पार्टी सोनोवाल के नेतृत्व में गठबंधन सहयोगियों असम गण परिषद और यूपीपीएल के साथ सत्ता में लौटी।

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हालांकि पार्टी ने पहली भाजपा सरकार में मंत्री रहे हिमंत विश्व शर्मा को मुख्यमंत्री चुना और सोनोवाल को केंद्र में ले जाया गया तथा मोदी सरकार में मंत्री पद दिया गया।

असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य की राजनीति में लौटने की संभावना पर सोनोवाल ने कहा, “यह संभावना का सवाल नहीं है। इससे किसी व्यक्ति की उत्सुकता या इच्छा का कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह पार्टी की इच्छा और आदेश है। पार्टी का वफादार कार्यकर्ता होने के नाते, हमें इसका पालन करना होगा।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि पार्टी है, जो तय करेगी कि विधानसभा चुनावों के दौरान कौन क्या भूमिका निभाएगा।

असम में मार्च-अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।

सोनोवाल ने कहा, “हमें पार्टी के आदेश के तहत आगे बढ़ना होगा। राष्ट्र हमेशा पहले, पार्टी दूसरे और व्यक्ति स्वयं अंतिम स्थान पर होता है। वह स्वयं कुछ नहीं कर सकता, केवल पार्टी ही तय करेगी कि क्या करना है, क्या नहीं करना है और कहां जाना है।”

असम में विपक्षी दलों के बारे में बात करते हुए सोनोवाल ने कहा कि जनता के बीच उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है और सत्तारूढ़ मोर्चे पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार भी उनमें नहीं है।

उन्होंने कहा, “विपक्ष का मतलब कांग्रेस और अन्य दलों का ‘इंडी गठबंधन’ है। उन्हें पूर्वोत्तर के विकास के बारे में बात करने का क्या अधिकार है? उन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”

सोनोवाल ने कहा, “सबसे पहले, उन्हें आजादी के बाद के 55 वर्षों का अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए कि उन्होंने देश और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए क्या किया है। क्या उन्होंने ब्रह्मपुत्र और अन्य नदियों पर जरूरी संख्या में पुल भी बनवाए?”

भाषा प्रशांत पारुल

पारुल