भाजपा की असम इकाई ने ‘अवैध’ मतदाताओं का पता लगाने के लिए एसआईआर का किया समर्थन

भाजपा की असम इकाई ने ‘अवैध’ मतदाताओं का पता लगाने के लिए एसआईआर का किया समर्थन

भाजपा की असम इकाई ने ‘अवैध’ मतदाताओं का पता लगाने के लिए एसआईआर का किया समर्थन
Modified Date: July 14, 2025 / 09:07 pm IST
Published Date: July 14, 2025 9:07 pm IST

गुवाहाटी, 14 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के मौजूदा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच, भाजपा की असम इकाई ने सोमवार को यह कहते हुए इसका पूर्ण समर्थन किया कि अवैध मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर करना आवश्यक है।

असम में सत्तारूढ़ पार्टी की प्रदेश इकाई ने कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर मतदाता सूची में शामिल अवैध मतदाताओं का पता लगाने के लिए इस तरह की कवायद की जरूरत है।

प्रदेश भाजपा के मीडिया विभाग के संयोजक रूपम गोस्वामी ने एक बयान में कहा, ‘‘असम प्रदेश भाजपा ने एसआईआर को अपना पूरा समर्थन दिया है। पार्टी इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को शुरू करने के लिए निर्वाचन आयोग के प्रति भी आभार व्यक्त करती है।’’

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उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता डेटा संग्रह के दौरान, निर्वाचन आयोग को बड़ी संख्या में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के विदेशी नागरिकों का पता चला।

उन्होंने कहा, ‘‘एसआईआर प्रक्रिया के माध्यम से अवैध प्रविष्टियां हटाई जाती हैं, नये पात्र मतदाता जोड़े जाते हैं। यह यह निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर राष्ट्र के लोकतांत्रिक ताने-बाने को मज़बूत करने में मदद करती है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने इस प्रक्रिया का विरोध करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।

गोस्वामी ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2022 में, रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस) ने उच्चतम न्यायालय में एक मामला दायर किया था जिसमें तर्क दिया गया था कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना अनावश्यक है और फिर भी अब वही पार्टी मांग कर रही है कि मतदाता नामांकन के लिए आधार को एक वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाए।

गोस्वामी ने आरोप लगाया, ‘‘पिछले चुनावों में अवैध बांग्लादेशी मुस्लिम वोटों पर निर्भर रहने वाली कांग्रेस अब अपने वोट बैंक को खोने को लेकर आशंकित है, क्योंकि इस संशोधन के माध्यम से इन अयोग्य मतदाताओं की पहचान की जा रही है और उन्हें हटाया जा रहा है। इसके विपरीत, अपने शासन काल में कांग्रेस ने लाखों गोरखाओं और स्वदेशी समुदायों को ‘डी वोटर’ करार दिया एवं उनके मताधिकार को निलंबित कर दिया था।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ‘डी-वोटर’ चस्पा हटा दिया है और वास्तविक भारतीय नागरिकों के मतदान के अधिकार बहाल किये हैं।

प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया था कि भाजपा 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधन के बहाने असम में विपक्षी समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश रच रही है।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव


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