आरक्षण छीनकर संविधान बदलने का भाजपाई चक्रव्यूह है ‘लेटरल एंट्री’ : खरगे

आरक्षण छीनकर संविधान बदलने का भाजपाई चक्रव्यूह है ‘लेटरल एंट्री’ : खरगे

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  • Publish Date - August 19, 2024 / 02:31 PM IST,
    Updated On - August 19, 2024 / 02:31 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भर्ती को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और दावा किया कि यह आरक्षण छीनकर संविधान को बदलने का ‘‘भाजपाई चक्रव्यूह’’ है।

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी सरकार का, लेटरल एंट्री का प्रावधान संविधान पर हमला क्यों है? सरकारी महकमों में रिक्तियां भरने के बजाय, पिछले 10 वर्षों में अकेले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में ही भारत सरकार के हिस्सों को बेच-बेच कर, 5.1 लाख पद भाजपा ने ख़त्म कर दिए है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘अनुबंधित भर्ती में 91 प्रतिशत इजाफा हुआ है। अजा, अजजा, ओबीसी के 2022-23 तक 1.3 लाख पद कम हुए है। हम लेटरल एंट्री गिने-चुने विशेषज्ञों को कुछ विशेष पदों में उनकी उपयोगिता के अनुसार नियुक्त करने के लिए लाए थे। पर मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री का प्रावधान सरकार में विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी व पिछड़े वर्गों का अधिकार छीनने के लिए किया है।’’

खरगे ने आरोप लगाया, ‘‘अजा, अजजा, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस के पद अब आरएसएस के लोगों को मिलेंगे। यह आरक्षण छीनकर संविधान को बदलने का भाजपाई चक्रव्यूह है।’’

केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की है।

आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी तैनात किए जाते हैं।

भाषा हक

हक मनीषा

मनीषा