नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के पूर्व सहयोगी रहे और मुंबई के संगठित अपराध के सबसे अंधेरे गलियारों से भलीभांति परिचित श्याम किशोर गरिकापति ने एक नयी किताब में शहर के अंडरवर्ल्ड के बारे में पुरानी धारणाओं को चुनौती देते हुए कई राज खोले हैं।
तीन पत्रकारों विजय शेखर, राजू संथानम और केल्विन जोशुआ द्वारा लिखित और स्वयं प्रकाशित ‘ब्लैक स्कॉर्पियन: टू हेल एंड बैक’ एक सच्ची अपराध कथा है जो गरिकापति के जीवन और अनुभवों पर आधारित है। गरिकापति को अंडरवर्ल्ड में ‘काला बिच्छू’ के नाम से जाना जाता था।
वर्ष 1980 और 1990 के दशक के दौरान मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित यह पुस्तक गिरोह के बीच लड़ाई (गैंग वार), निष्ठा में बदलाव और क्रूर हत्याओं से चिह्नित उस अवधि को फिर से जीवंत करती है, जिसमें दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन, करीम लाला, वरदराजन मुदलियार और अरुण गवली जैसे संगठित अपराध के कुछ सबसे कुख्यात नाम शामिल हैं।
यह पुस्तक गरिकापति के व्यक्तिगत अनुभवों, अदालत के दस्तावेजों और लेखकों द्वारा रिकॉर्ड किए गए 100 घंटे से अधिक अवधि के साक्षात्कारों के आधार पर एक अंदरूनी तौर पर जुड़े व्यक्ति के प्रत्यक्ष अनुभव का विवरण प्रस्तुत करती है।
गरिकापति ने 12 साल से अधिक समय जेल में बिताया और आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (टाडा) के तहत मुकदमे का सामना करने वाले शुरुआती आरोपियों में शामिल था।
इस पुस्तक के सबसे चौंकाने वाले खुलासों में दाऊद इब्राहिम के गिरोह की आंतरिक कार्यप्रणाली, झगड़ने वाले गुटों के बीच सुलह कराने के लिए दाऊद द्वारा आयोजित बैठकें, छोटा राजन की हत्या की नाकाम साजिश, दाऊद-राजन के बीच दरार का कारण बताने वाले गुप्त टेप और दाऊद के बहनोई की हत्या का बदला लेने के लिए जेजे अस्पताल पर किया गया कुख्यात हमला शामिल है, जिसके कारण गरिकापति को जेल जाना पड़ा।
गरिकापति ने अपने कई करीबी दोस्तों और सहयोगियों की हत्याएं देखी और अपनी कहानी इस किताब के जरिये बयां की।
यह पुस्तक जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी और इसे ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से खरीदा जा सकेगा।
भाषा संतोष प्रशांत
प्रशांत