सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां दो सगे भाइयों ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ एक ही लड़की से विवाह रचाया है। यह विवाह न केवल इलाके में चर्चा का कारण बना, बल्कि एक विलुप्तप्राय लोक परंपरा को भी पुनर्जीवित करने वाला साबित हुआ है। इस प्रथा को हाटी समाज में ‘उजला पक्ष’ के नाम से जाना जाता है।
जानकारी के अनुसार, इस शादी की 11 जुलाई को रस्में शुरू हुई थीं। इस दिन दूल्हे के मामा शादी वाले घर पहुंचे। 12 जुलाई की सुबह दोनों भाइयों की बारात साथ लगते कुन्हाट गांव पहुंची। यहां शादी की रस्में पूरी की गईं। इसके बाद शाम को ही दुल्हन की विदाई हो गई। इसके बाद 13 जुलाई को लड़के वालों के घर शादी की सभी रस्में पूरी की गईं। इन 3 दिनों में लड़के वालों के घर पारंपरिक नाच-गाने चलते रहे। साथ ही इससे गांव में उत्सव का माहौल रहा। शादी में आसपास के गांव के लोगों समेत करीब 4 हजार रिश्तेदार शामिल हुए थे। सभी मेहमानों को 3 दिन तक पारंपरिक व्यंजन परोसे गए।
सिरमौर और उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्रों में प्राचीन काल में एक महिला से कई पुरुषों के विवाह की परंपरा प्रचलित थी। इस परंपरा के तहत दो या अधिक भाई एक ही युवती से शादी करते थे। हालांकि, समय के साथ यह प्रथा लगभग समाप्त हो चुकी है। 1970 और 1980 के दशक के बाद ऐसी शादियां बहुत कम देखने को मिलीं। इस ताजा मामले ने एक बार फिर इस परंपरा को चर्चा में ला दिया है। कहा जाता है कि इस परंपरा का संबंध पांडवों से भी है, जिनमें द्रौपदी के पांच पांडवों से विवाह की कथा प्रसिद्ध है। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस शादी को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि समय के साथ समाज में बदलाव आ चुका है, और सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर युवती इस अनोखी शादी के लिए कैसे राजी हुई।