बांग्लादेश से छात्रों की वापसी में मदद के लिए बीएसएफ ने ‘विशेष सहायता डेस्क’ स्थापित किए

बांग्लादेश से छात्रों की वापसी में मदद के लिए बीएसएफ ने 'विशेष सहायता डेस्क' स्थापित किए

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  • Publish Date - July 22, 2024 / 01:47 PM IST,
    Updated On - July 22, 2024 / 01:47 PM IST

कोलकाता, 22 जुलाई (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित एकीकृत जांच चौकियों (आईसीपी) पर ‘विशेष सहायता डेस्क’ स्थापित किए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर छात्रों की सुरक्षित निकासी में समन्वय के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के संपर्क में है।

बीएसएफ ने एक बयान में बताया कि सीमा सुरक्षा बल ने अभी तक बांग्लादेश से 572 भारतीय, 133 नेपाली और चार भूटानी छात्रों की सुरक्षित वापसी में सहयोग दिया है।

बयान में कहा गया है, “इस अशांति के बीच, बांग्लादेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले कई भारतीय, नेपाली और भूटानी छात्रों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है। बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इन छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए आईसीपी पेट्रापोल, एलसीएस गेडे, घोजाडांगा और महादीपुर में विशेष सहायता डेस्क स्थापित किए हैं।”

बीएसएफ महानिरीक्षक ए के आर्य ने कहा, “बीएसएफ लगातार बीजीबी के संपर्क में है। इस समन्वय ने छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की। प्रक्रिया को और दक्ष बनाने के लिए आईसीपी पेट्रापोल में आव्रजन डेस्क अब 24/7 खुला रहेगा, जिससे छात्रों की निर्बाध एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित होगी।”

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी तक का आरक्षण देने की व्यवस्था के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि यह व्यवस्था भेदभावपूर्ण है और इसे योग्यता आधारित प्रणाली में तब्दील किया जाना चाहिए।

भाषा पारुल नरेश

नरेश