Owaisi on CAA: राम मंदिर के बाद मोदी सरकार करेगी CAA का रुख?.. ओवैसी ने खोला मोर्चा, कहा मुस्लिम और हर गरीब के साथ अन्याय

बता दें कि सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जाएगी।

Owaisi on CAA: राम मंदिर के बाद मोदी सरकार करेगी CAA का रुख?.. ओवैसी ने खोला मोर्चा, कहा मुस्लिम और हर गरीब के साथ अन्याय

CAA Kanoon kya hain

Modified Date: January 4, 2024 / 09:05 am IST
Published Date: January 4, 2024 9:05 am IST

हैदराबाद: एआईएमआईएम के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से समान नागरिक संहिता यानी सीएए की खुलकर मुखालफत की हैं। मीडिया से हुई बातचीत में ओवैसी ने इस क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि यह कानून धर्म के आधार पर बनाया गया है। उन्होंने कहा इस कानून को एनपीआर-एनआरसी के साथ पढ़ा और समझा जाना चाहिए जो इस देश में आपकी नागरिकता साबित करने के लिए शर्तें तय करेगा। यदि ऐसा होता है तो यह घोर अन्याय होगा, विशेषकर मुसलमानों, दलितों और भारत के गरीबों के साथ, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के हों।

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गौरतलब हैं कि सीएए भाजपा के केंद्र सरकार के प्रमुख एजेंडे में शामिल रहा हैं। तीन तलाक, कश्मीर के धारा 370 और फिर राम मंदिर के मुद्दे सुलझाए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे है कि मोदी सरकार इस चुनावी साल में सीएए और सिविल यूनिफॉर्म की तरफ कदम बढ़ा सकती हैं। केंद्र के इसी संभावित कदम से जुड़े सवाल पर ओवैसी मीडिया से बात कर रहे थे।

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क्या हैं सीएए

बता दें कि सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जाएगी। नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेट और गृह सचिवों को नागरिकता देने के अधिकार दिए हैं। ये राज्य हैं- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र। यह कानून अपने तय समय से चार साल पीछे चल रहा हैं। विपक्ष के लगातार विरोध और एकराय नहीं बन पाने को इस देरी की वजह बताई जा रही हैं।

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