क्या मध्यस्थ बनने के लिए अपात्र व्यक्ति किसी अन्य को कर सकता है नामित: न्यायालय करेगा फैसला
क्या मध्यस्थ बनने के लिए अपात्र व्यक्ति किसी अन्य को कर सकता है नामित: न्यायालय करेगा फैसला
नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इस विवादास्पद कानूनी प्रश्न पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि क्या मध्यस्थ बनने के लिए कोई अपात्र व्यक्ति किसी अन्य को नामित कर सकता है।
दलीलें पूरी होने से पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ से कहा कि ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि विवादों को सुलझाने के तंत्र के रूप में मध्यस्थता को मजबूत किया जाए।
शुक्रवार को दलीलों के दौरान पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं महेश जेठमलानी, एन के कौल और गौरव बनर्जी सहित कई वकीलों की दलीलें सुनीं।
मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘यह एक ऐसा मुद्दा है जहां हमारा ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि एक तंत्र के रूप में मध्यस्थता को मजबूत किया जाए।’’
इस पीठ में न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।
शीर्ष अदालत ने 28 अगस्त को इस जटिल कानूनी मुद्दे पर सुनवाई शुरू की थी।
भाषा
वैभव अविनाश
अविनाश

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