Car modification will attract heavy challan under Central Motor Vehicle Act

Car Modify Rule: कार में ये बदलाव किए तो सस्पेंड होगा लाइसेंस, साथ ही जब्त हो जाएगी आपकी गाड़ी

Car modification will attract heavy challan under Central Motor Vehicle Act कार में सभी तरह के मॉडिफिकेशन कानून के खिलाफ नहीं हैं।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : November 25, 2022/6:14 pm IST

Car modification will attract heavy challan: नई दिल्ली। कार मॉडिफिकेशन का चलन इस समय काफी बढ़ गया है, ज्यादातर लोग अपने वाहन को अलग लुक देने के लिए तरह-तरह के मॉडिफिकेशन करवाते रहते हैं। लेकिन कार में किसी भी तरह का बदलाव कराने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि, वाहनों में किए जाने वाले मॉडिफिकेशन को लेकर भी सरकार एक नियम तय करती है।

यदि कोई वाहन मालिक अपने वाहन में ऐसे परिवर्तन करता है, जो वाहन के मूल दस्तावेज (व्हीकल रजिस्ट्रेशन पेपर) में दर्ज विवरण से वाहन को अलग बनाते हैं, तो इसे अवैध माना जाएगा।

Read more: Mithali Raj: सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी 

जनवरी 2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वाहन संशोधन को अवैध करार दिया था। हालांकि, आपकी कार में सभी तरह के मॉडिफिकेशन कानून के खिलाफ नहीं हैं। आप बिना नियमों का उल्लंघन किए भी वाहन में कुछ बदलाव कर सकते हैं, लेकिन कुछ मॉडिफिकेशन ऐसे भी हैं जिन पर सख्त मनाही है।

ओवरसाइज्ड अलॉय व्हील—

Car modification will attract heavy challan: अलॉय व्हील्स का क्रेज इस समय खूब देखने को मिल रहा है, कार से बाइक तक हर तरह के वाहनों में नए-नए डिज़ाइन और लुक्स के अनुसार अलॉय व्हील्स बाजार में उपलब्ध हैं। ग्राहकों के इसी क्रेज को देखते हुए वाहन निर्माता कंपनियां भी अलॉय व्हील्स को बतौर एक्सेसरीज बेच रही हैं, लेकिन कंपनी के द्वारा बेचे जाने वाले अलॉय मानकों के अनुरूप होते हैं। वहीं ऑफ्टर मॉर्केट अलॉय में मानकों की अनदेखी होने की संभावना होती है। ऐसे में यदि आप वाहन के साइज से बड़े अलॉय का इस्तेमाल करते हैं तो इसे कानूनी रूप से वैध नहीं माना जाता है।

तेज ध्वनि वाले हार्न—

देश में ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं और वाहनों के हार्न से होने वाला ध्वनि प्रदूषण इसे और भी बढ़ाता है। सभी वाहन निर्माता कंपनियां सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने वाहनों में हॉर्न का इस्तेमाल एक मानक के अनुसार करती हैं।

इन फैक्ट्री फिटेड हार्न की डेसीबल सीमा हमेशा निर्धारित सीमा के अंतर्गत होती है। मोटर व्हीकल एक्ट नियम 39/192 के अनुसार कार, बाइक या अन्य किसी भी तरह के वाहन में यदि प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल किया जाता है तो यह ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

एक्सट्रा लाइट्स—

ऐसा देखा जाता है कि लोग अपनी कार में अलग-अलग तरह के लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक आप वाहन में रंगीन हेडलाइट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। वाहन में मॉडिफिकेशन के समय आपको लाइट थीम का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

Read more: Kora Kagaz Movie Download Available Online HD: ‘कोरा कागज़’ रिलीज डेट आउट, जानें OTT Platform में कब होगी आएगी 

इसी तरह, आप किसी कार की हेडलाइट या टेललाइट बदल सकते हैं लेकिन समान रंग के नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकते। आप हाइलोजन लाइट से सफेद एलईडी लाइट में अपग्रेड कर सकते हैं, लेकिन आप अपनी कार की हेडलाइट के रूप में लाल, हरी या नीली रोशनी का विकल्प नहीं चुन सकते।

साइलेंसर के साथ छेड़छाड़—

Car modification will attract heavy challan: वाहन के एग्जॉस्ट (साइलेंसर) को भी लेकर लोग तमाम तरह के प्रयोग करते रहते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामले बाइक्स में ही देखने को मिलते हैं, लेकिन कुछ लोग अपनी कार को भी स्पोर्टी फील देने के लिए तेज आवाज वाले साइलेंसर इस्तेमाल करते हैं, जो कि नियमों के खिलाफ है। CMVA के नियम 120 के अनुसार, ऐसा करना गैरकानूनी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे ध्वनि और वायु प्रदूषण अधिक होता है।

इसके अलावा, इस तरह का एग्जॉस्ट पाइप पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) टेस्ट से गुजरने के लिए अनुपयुक्त है, जो हर कार के लिए अनिवार्य टेस्ट है। यह टेस्ट एक वाहन के उत्सर्जन स्तर को निर्धारित करता है और मूल्यांकन करता है कि यह वाहन उत्सर्जन के कानूनी मानकों का पालन करता है या नहीं।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें