नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2018 में किए गए कई बैंक हस्तांतरणों में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में ‘एनवायरोनिक्स ट्रस्ट’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्राथमिकी में ट्रस्ट से संबंधित दिवंगत आर. श्रीधर और वनिता श्रीधर का नाम भी शामिल किया है। आर. श्रीधर की पिछले साल दिसंबर में मृत्यु हो गई थी।
सीबीआई के अनुसार, एनवायरोनिक्स ट्रस्ट (ईटी) ने 15 नवंबर, 2020 को ओडिशा में ‘अम्फान’ चक्रवात से प्रभावित लोगों के बीच वितरण के लिए 711 लोगों में से प्रत्येक के बैंक खातों में कथित तौर पर 1,250-1,250 रुपये हस्तांतरित किए थे, लेकिन वास्तव में ये भुगतान ओडिशा के धिनकिया में जेएसडब्ल्यू आंदोलन के प्रदर्शनकारियों को किया गया था।
एजेंसी ने कहा, ‘‘इसलिए ईटी ने आंदोलनकारियों को वित्त पोषित किया और वह देश में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पैदा करने वाली विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहा। ये गतिविधियां एफसीआरए अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के विपरीत है।’’
एजेंसी ने आदिवासी कार्यकर्ता डेम ओरम के साथ ट्रस्ट के कथित जुड़ाव का भी हवाला दिया जिन्हें राउरकेला पुलिस ने बलवा और गैरकानूनी सभा के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि ओरम के साथ ट्रस्ट के कई वित्तीय लेनदेन हुए थे जिसमें 30,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए गए थे।
सीबीआई ने कहा, ‘‘यह कहा जा सकता है कि ईटी की गतिविधियां प्रामाणिक नहीं हैं और ट्रस्ट के उद्देश्य के अनुरूप नहीं हैं।’’
भाषा सुरभि शफीक
शफीक