#Chandrayaan-3 : सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा…! ISRO को मिली बड़ी सफलता, चांद की कक्षा में स्थापित हुआ चंद्रयान-3

Chandrayaan-3 established in Moon's orbit: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को शनिवार को बड़ी सफलता मिली है।

#Chandrayaan-3 : सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा…! ISRO को मिली बड़ी सफलता, चांद की कक्षा में स्थापित हुआ चंद्रयान-3

Chandrayaan-3 established in Moon's orbit

Modified Date: August 5, 2023 / 11:53 pm IST
Published Date: August 5, 2023 11:53 pm IST

Chandrayaan-3 established in Moon’s orbit : बेंगलुरु। इसरो चंद्रयान से जुड़ी पल-पल की ख़बरें देशवासियों के साथ पूरी दुनिया को साझा कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को शनिवार को बड़ी सफलता मिली है। (Chandrayaan-3 current position in space) इसरो ने नया अपडेट जारी करते हुए बताया है शनिवार की देर शाम चंद्रयान-3 चांद के ऑर्बिट में एंट्री किया गया। अब मिशन चांद के बेहद ही करीब है। चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। एक अगस्त को अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाल दिया गया।

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Chandrayaan-3 established in Moon’s orbit : इसरो ने ट्वीट किया, ”यह चंद्रयान-3 है। मैं अभी लूनर ग्रैविटी फील कर रहा हूं।  चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है। पेरिल्यून में रेट्रो-बर्निंग का कमांड मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX), बेंगलुरु से दिया गया था। अगला ऑपरेशन – रिडक्शन ऑफ ऑर्बिट- 6 अगस्त, 2023 को लगभग रात 11 बजे निर्धारित है। एक अगस्त को चंद्रयान 3 को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाया गया था और चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाला गया था। पिछले महीने हुई लॉन्चिंग के बाद से अब तक चंद्रयान-3 को कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया पांच बार पूरी की जा चुकी है। चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किए जाने से पहले यान पृथ्वी का चक्कर लगा चुका है।

 

चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन

चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन है। इस बार भी वैज्ञानिकों का टारगेट चंद्रमा की सतह पर लैंडर को सॉफ्ट लैंड कराना है। चार साल पहले 2019 में चंद्रयान-2 मिशन आखिरी वक्त में विफल हो गया था। तब अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ के पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग नहीं करवाई जा सकी थी। इसी वजह से इसरो ने इस बार चंद्रयान-3 में कई तरह के बदलाव भी किए हैं। यदि सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलती है तो भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों की लिस्ट में आ जाएगा।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years