Chandrayaan-3 Vikram-Pragyan Update : क्या मिशन हो गया खत्म? विक्रम-प्रज्ञान की लगी गहरी नींद, ISRO के सिग्नलों का नहीं पड़ रहा कोई असर
Chandrayaan-3 Vikram-Pragyan Latest Update: चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को लेकर इसरो ने नया अपडेट दिया है।
Chandrayaan-3 Vikram-Pragyan Latest Update
Chandrayaan-3 Vikram-Pragyan Latest Update : नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को लेकर इसरो ने नया अपडेट दिया है। मिशन चंद्रयान-3 को लेकर इसरो ने अपने लेटेस्ट पोस्ट में बताया है कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से संपर्क करने की कोशिश की गई है, मगर अब तक इसमें इसरो को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। चंद्रयान-3 के विक्रम और प्रज्ञान दोनों जगने की अवस्था में हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई थी।
Chandrayaan-3 Vikram-Pragyan Latest Update : बता दें कि 22 सितंबर 2023 से लगातार इसरो की टीम विक्रम लैंडर को संदेश भेज रही है। अगले कुछ दिनों तक और संदेश भेजते रहेंगे। जब तक फिर से वहां सूरज अस्त नहीं होता। रात फिर से नहीं आती। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि Chandrayaan-3 मिशन का सफलतापूर्वक अंत हो चुका है। भारत ने दुनिया को जो दिखाना था, वो दिखा दिया।
Chandrayaan-3 Vikram-Pragyan Latest Update : इसरो के मुताबिक, “एपीएक्सएस और एलआईबीएस पेलोड बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है। फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है।” इसरो की टीम 6 अक्टूबर तक विक्रम और प्रज्ञान दोनों को जगाने की कोशिश कर रही है। इसरो चीफ सोमनाथ के मुताबिक, यह कोशिश अगले 14 दिन ही रहेगी।
खुद से जगने की उम्मीद बाकी है अब भी
विक्रम लैंडर को जब सुलाया गया था, तब उसकी एक सर्किट को जगते रहने का निर्देश दिया गया था। ताकि वो इसरो का 22 सितंबर को भेजा जाने वाला मैसेज रिसीव कर लें। इसरो लगातार संपर्क कर रहा है। लेकिन विक्रम रिएक्ट नहीं कर रहा है। इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें परेशान होने की जरुरत नहीं है।
विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर बिताया पूरा एक दिन
बता दें कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पूरा एक दिन बिताया। इस दौरान विक्रम और प्रज्ञान के साथ गए पेलोड ने इसरो तक चांद की सतह के बारे में कई जानकारियां भेजीं। ISRO वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो चुका है। अब कोशिश ये है कि विक्रम और प्रज्ञान को एक बार फिर जगाकर अतिरिक्त जानकारियां जुटाई जाएं, जिससे आने वाले चंद्र मिशनों में लाभ मिले। हालांकि अभी ये कोशिश सफल होते नहीं दिख रही है।
बता दें कि 23 अगस्त को इसरो ने अपने तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करवाकर इतिहास रच दिया था। चांद पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया, जबकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार कोई देश पहुंचा। इसके बाद अगले 14 दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने अपना काम किया और चांद से जुड़ी कई अहम जानकारियों को इकट्ठा करके इसरो के कमांड सेंटर तक भेजा। इसमें चांद के तापमान, सल्फर आदि से जुड़ी कई जरूरी जानकारियां थीं। वहीं, जब इस महीने की शुरुआत में चांद पर रात हो गई तो विक्रम और प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया गया। लेकिन 14 दिनों बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर फिर से रोशनी आने लगी।

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