देशभर में क्रिसमस का उल्लास; गिरजाघरों में उमड़ी भीड़, शांति और सद्भाव की प्रार्थना

देशभर में क्रिसमस का उल्लास; गिरजाघरों में उमड़ी भीड़, शांति और सद्भाव की प्रार्थना

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 02:48 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 02:48 PM IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) देशभर में बृहस्पतिवार को क्रिसमस का त्यौहार पारंपरिक श्रद्धा, उल्लास और भक्ति के साथ मनाया गया। विभिन्न राज्यों में आधी रात की विशेष प्रार्थना सभाओं (मिडनाइट मास) के साथ जश्न की शुरुआत हुई, जहां गिरजाघरों को रंग-बिरंगी रोशनी और झांकियों से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने गिरजाघरों में जाकर शांति, समृद्धि और भाईचारे की कामना की।

केरल में बृहस्पतिवार को हर्षोल्लास और प्रार्थनाओं के साथ क्रिसमस मनाया गया, जहां राज्य भर के गिरजाघरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए।

कोच्चि के कक्कानद में सिरो-मालाबार चर्च के प्रमुख राफेल थट्टिल ने प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया।

उन्होंने कहा कि जीवन में कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन लोगों को मसीह की ओर मुड़कर शक्ति प्राप्त करनी चाहिए क्योंकि विश्वास ही कठिन परिस्थितियों से ऊपर उठने का साहस देता है।

मलंकरा कैथोलिक चर्च के प्रमुख कार्डिनल बेसेलियस क्लीमीस ने देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाइयों और क्रिसमस कार्यक्रमों पर होने वाले कथित हमलों की खबरों के बीच स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया।

उन्होंने शांति का आह्वान करते हुए लोगों से नफरत फैलाने वालों के लिए प्रार्थना करने को कहा और सत्ता में बैठे लोगों से न्याय व जिम्मेदारी की भावना के साथ शासन करने की अपील की।

तटीय राज्य गोवा में बृहस्पतिवार को आधी रात की विशेष प्रार्थना सभाओं (मिडनाइट मास) के साथ क्रिसमस का त्यौहार उल्लास के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर राज्य के शहर, बाज़ार और घर रोशनी एवं सजावट से जगमगा उठे।

लगभग 30 प्रतिशत ईसाई आबादी वाले इस राज्य में हजारों श्रद्धालुओं ने गिरजाघरों में एकत्र होकर प्रार्थना की और ‘कैरोल’ (भक्ति गीत) गाए। लोगों ने अपने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्रभु यीशु के जन्म को दर्शाने वाली सुंदर झांकियां (क्रिब्स) सजाईं।

इस अवसर पर राज्यपाल पी अशोक गजपति राजू ने अपने संदेश में कहा कि ईसा मसीह का जन्म मानवता के लिए शांति, प्रेम, बलिदान और भाईचारे के शाश्वत मूल्य लेकर आया। उन्होंने एक ऐसे गोवा के निर्माण का आह्वान किया जहां शांति, सद्भाव और एकता बनी रहे।

वहीं, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने क्रिसमस को ‘शांति, सद्भावना, करुणा और आशा का उत्सव’ बताया, जो गोवा के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करता है।

इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटकों ने भी सड़कों और समुद्र तटों पर स्थानीय लोगों के साथ जश्न में हिस्सा लिया।

झारखंड में बृहस्पतिवार को गिरजाघरों में आधी रात की विशेष प्रार्थना सभाओं के साथ क्रिसमस मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। राज्य के गिरजाघरों को रंग-बिरंगी लाइट और कलाकृतियों से सजाया गया था, जहां कैरोल और भजनों के साथ उत्सव मनाया गया।

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने इस उत्सव को प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक बताया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संदेश में कहा कि प्रभु यीशु का जीवन और संदेश हमें मानवता, त्याग और भाईचारे के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने इसे प्रेम, करुणा और सेवा का त्यौहार बताया।

राजधानी रांची के सेंट मैरी कैथेड्रल में आर्कबिशप विंसेंट आइंद ने कहा, ‘हमें धर्म और जाति के नाम पर विभाजित होना बंद करना चाहिए। अपनी विविधता में एकता के कारण हम पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण हैं।’

मेघालय में बृहस्पतिवार को गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं और सड़कों पर कैरोल जुलूसों के साथ क्रिसमस मनाया गया। इस अवसर पर शिलांग की सड़कें रोशनी और सजावट से चमक उठीं, जिससे पूरे शहर में त्यौहार का माहौल नजर आया।

इस मौके पर ईसाई धर्मगुरुओं ने लोगों से प्रभु यीशु के आशा, शांति और प्रेम के संदेश को याद करने की बात कही।

कैथोलिक कैथेड्रल में ‘मिडनाइट मास’ के दौरान बिशप विक्टर ने कहा कि ईसा मसीह का जन्म अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

शहर में जगह-जगह की गई सजावट और ख्य्न्दैलाद जंक्शन पर लगा विशाल क्रिसमस ट्री पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण रहा। दिल्ली और मुंबई से आए पर्यटकों ने यहां के उत्सव की सादगी और खूबसूरती की सराहना की।

तमिलनाडु में क्रिसमस का त्यौहार पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। चेन्नई के ऐतिहासिक सैंथोम बेसिलिका और सेंट थॉमस माउंट चर्च में मध्यरात्रि की प्रार्थना सभाओं में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

मद्रास-मायलापुर के आर्कबिशप रेव जॉर्ज एंटोनीसामी ने युद्ध, धार्मिक भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने की बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्रिसमस लोगों को शांति, सद्भाव और मानवीय गरिमा के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित करे।

नागापट्टिनम जिले के प्रसिद्ध वेलांकन्नी चर्च में पड़ोसी राज्यों से आए तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने ईसाई समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए समानता और सेवा के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

राज्यपाल आर एन रवि ने भी शुभकामनाएं देते हुए निस्वार्थ सेवा और करुणा के त्योहार के संदेश पर जोर दिया।

राज्यभर के बाजारों और बेकरियों में केक, सजावटी सितारों और लाइटों की बिक्री में तेजी दर्ज की गई। वहीं, शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रमुख गिरजाघरों में पुलिस के पुख्ता इंतजाम रहे।

पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को क्रिसमस मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग और पिकनिक मनाने वाले बाहर निकले। तापमान में अचानक आई गिरावट ने उत्सव के उल्लास को और बढ़ा दिया।

राज्य भर के गिरजाघरों में लोगों का बड़ा जमावड़ा देखा गया, जहां श्रद्धालुओं ने दिन में आयोजित विशेष प्रार्थनाओं में हिस्सा लिया।

कोलकाता में लोग अलीपुर चिड़ियाघर, विक्टोरिया मेमोरियल, मैदान और इको पार्क जैसे लोकप्रिय स्थानों पर उमड़ पड़े।

वहीं, पिकनिक मनाने वाले छोटे और बड़े समूहों में दिन का पूरा आनंद लेने के लिए प्राकृतिक स्थलों की ओर गए।

स्कूलों और कॉलेजों में सर्दियों की छुट्टियां होने के कारण, दीघा और मंदारमणि जैसे समुद्र तटीय रिसॉर्ट से लेकर दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जैसे पहाड़ी जिले पर्यटकों से पूरी तरह भरे रहे।

शहर की प्रतिष्ठित पार्क स्ट्रीट को विशेष लाइट और अन्य सजावट से सजाया गया है। यहां शाम को जुटने वाली भारी भीड़ को देखते हुए खास तैयारियां की गई हैं, जहां रेस्तरां में ग्राहकों की इतनी अधिक संख्या रही कि उन्हें जगह देने में मशक्कत करनी पड़ी।

एक अधिकारी ने बताया कि त्यौहार के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे राज्य में पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

भाषा

सुमित नरेश

नरेश