नई दिल्ली। चीफ जस्टिस के खिलाफ विपक्षी दलों के लगाए महाभियोग के प्रस्ताव पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की प्रतिक्रिया का इंतजार है। क्योंकि प्रस्ताव को खारिज और मंजूर करने का अधिकार राज्यसभा के सभापति के पास ही है।
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शुक्रवार को देश की 7 विपक्षी पार्टियों ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया है। लेकिन इस बीच विपक्ष के बीच दरार नजर आ रही है। टीएमसी और डीएमके ने दूरी बना ली है। टीएमसी और डीएमके ने इस मामले में संसद पर आने वाले फैसले के पक्ष में वोट देने की बात कही है। इसलिए महाभियोग प्रस्ताव को मंजूर या खारिज करना वेंकैया नायडू पर निर्भर करता है।
मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल अक्टूब में खत्म हो रहा है। इसिलए महाभियोग का प्रस्ताव खारिज होना तय माना जा रहा है। क्योंकि महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होकर खत्म होते-होते चीफ जस्टिस पहले रिटायर हो जाएंगे। इसलिए इस प्रस्ताव का गिरना लगभग तय माना जा रहा है।
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चीफ जस्टिस पर महाभियोग को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में 77 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ कांग्रेस ने 7 दलों के समर्थन में शुक्रवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को प्रस्ताव सौंपा था।
वेब डेस्क, IBC24