Fake IAS Officer : नई दिल्ली। आपने अक्षय कुमार की ‘स्पेशल-26’ तो देखी ही होगी। इस फिल्म में अक्षय का IT ऑफिसर बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता, तो वो नकली अफसर बनकर कई जगह रेड मरता है। आप सोच रहे होंगे हम आपको इस फिल्म की कहानी क्यों बता रहे हैं? दरअसल, झारखंड के पलामू से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां के युवक UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) में कामयाबी पाने की झूठी खबर पूरे राज्य में फैला दी। इतना ही नहीं उसने कई लोगों से खुद को सम्मानित भी करवाया।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के पलामू में रहने वाले एक युवक ने UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में कामयाबी पाने की फर्जी खबर पूरे राज्य में फैला दी। इसके बाद सफलता की झूठी कहानी बनाने के बाद युवक ने एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर खुद को सम्मानित कराया। इतना ही नहीं इसके बाद बीते बुधवार को उसने झारखंड सरकार की तरफ से आयोजित यूपीएससी के सफल अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह में राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के हाथों सम्मान लिया। इतना ही नहीं वो सीएम के साथ रात्रि भोज में भी शामिल हुआ।
बता दें कि इस मामले का अब जाकर खुलासा हुआ है कि कुमार सौरभ उर्फ सौरभ पांडेय नाम का युवक उत्तर प्रदेश के एक कामयाब अभ्यर्थी के जैसा नाम होने का बेजा फायदा उठाया। उसने पिछले 2 महीने से समाज से लेकर सरकार तक भ्रम फैला रखा था। बताया गया कि यूपीएससी 2021 के एग्जाम में कामयाब अभ्यर्थियों की लिस्ट में 357वीं रैंक उत्तर प्रदेश के कुमार सौरभ ने हासिल की है। जब उनको कहीं से जानकारी मिली कि उनके नाम का फायदा झारखंड का एक युवक उठा रहा है और समारोह में सम्मानित हुआ है। तब जाकर इस मामले का खुलासा हो पाया।
बताया गया कि पलामू के पांडू के रहने वाले सौरभ पांडेय भी UPSC की तैयारी कर रहा था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया। इसके बाद बीते 30 मई को रिजल्ट आया तो उसने खुद के कामयाब होने की खबर फैला दी। उसने यूपीएससी मुख्यालय के पास सूट टाई वाली अपनी फोटो भी कई जगहों पर शेयर कर दी थी।
इसके बड़ा जब युवक से नौकरी ज्वाइन करने को कहा गया तो उसने बहाना बना दिया। सौरभ पांडेय पिछले कुछ दिनों से समाज में कई लोगों से यह कहता फिर रहा था कि उसकी रैंक ठीक नहीं आई, इस वजह से इस बार नौकरी ज्वाइन नहीं करेगा। वह फिर से तैयारी में जुटा है और पूरा प्रयास कर रहा है कि अगली बार अच्छा रैंक ले आए।
इस मामले को लेकर जब पत्रकारों ने सौरभ पांडेय से उसके UPSC पास करने और उसके एडमिट कार्ड के बारे में जानकारी मांगी तो उसने स्वीकार कर लिया कि परीक्षा में असफल हो जाने पर उसने सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए अपने पास हो जाने की झूठी खबर फैलाई थी। झारखंड सरकार ने भी मीडिया में छपी रिपोर्ट के आधार पर उसे सम्मानित कर दिया था।
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