कोरबा: Coal India Cuts Employees’ Dearness Allowance देश में इन दिनों सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और आठवें वेतन आयोग के गठन की बता चल रही है। हाल में मोदी सरकार ने करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ पहुंचाने के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में 2 फीसदी का इजाफा किया था। कर्मचारियों का डीए बढ़कर 55 फीसदी हो चुका है। एक ओर जहां सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है तो दूसरी ओर कोयला कर्मियों को बड़ा झटका लगा है। कोयला कर्मियों को वेतन के साथ मिलने वाली महंगाई भत्ते में कोल इंडिया ने कटौती कर दी है।
Coal India Cuts Employees’ Dearness Allowance पिछले हफ्ते मंगलवार को कोल इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधक एचआर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इसी महीने जून से कोयला कर्मियों को 20.2 फीसदी की दर से डीए का भुगतान किया जाएगा। यह कर्मचारियों के बेसिक के आधार पर तय की जाती है। 31 अगस्त तक अब कोयला कर्मियों को बेसिक का 20.2 फीसदी की दर से डीए का भुगतान किया जाएगा। जबकि पिछले तीन महीने से कोयला कर्मियों को डीए बेसिक का 21.3 फीसदी की दर से किया जा रहा था। एक फीसदी वीडीए घटाने से एसईसीएल के 37 हजार 197 कर्मियों समेत कोल इंडिया के अन्य सहयोगी कंपनियों के लगभग 2 लाख 25 हजार कर्मचारियों पर इस दर से भुगतान प्रभावी होगा। परिवर्तनशील महंगाई भत्ते का निर्धारण हर तीन महीने के लिए किया जाता है।
बता दें कि अब डीए की नई दरें का निर्धारण सितंबर में किया जाएगा। इस तरह साल में महंगाई के हिसाब से कोयला कर्मियों की चार बार डीए संशोधित की जाती है। इसके बाद जो दरें लागू की जाती है। 1 जुलाई 2021 से एसईसीएल समेत कोल इंडिया की दूसरी सहयोगी कंपनियों में 11 वां वेतनमान लागू है। इस नए वेतनमान से हर महीने अब वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इस कारण बेसिक बढ़ गया है। कैटेगरी-वन के कर्मचारी का लगभग 45 हजार रुपए बेसिक हो गया है। हालांकि डीए की दर घटाने पर महंगाई भत्ते के भुगतान में कमी आएगी। वेतनमान में कोयला कर्मियों को 19 फीसदी मिनिमम गारंटी बेनिफिट का लाभ दिया है। कोल कर्मियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) की ब्याज दरें नहीं बढ़ाई गईं हैं। दो वित्तीय वर्ष से 7.6 फीसदी की दर से ही ब्याज दिए जाने का निर्णय लिया है। जबकि मार्च 1991 से 2000 तक लगातार 12 फीसदी की दर से ब्यान मिल रहा था। मार्च 2023 में 8 फीसदी और अब 7.6 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इस तरह लगातार कोयला कर्मचारियों के कोल माइंस प्रोविडेंट फंड की ब्याज दरें घटाई गई है। रिटायरमेंट के समय कोयला कर्मियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।