पूर्ण अव्यवस्था और अराजकता : टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद कर्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर बोले राज्यपाल

पूर्ण अव्यवस्था और अराजकता : टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद कर्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर बोले राज्यपाल

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  • Publish Date - May 17, 2021 / 11:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

कोलकाता, 17 मई (भाषा) नारद स्टिंग मामले में दो मंत्रियों और अन्य की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं द्वारा यहां सीबीआई दफ्तर और पश्चिम बंगाल में अन्य जगहों पर किये जा रहे प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को आरोप लगाया कि यहां राज्य में “कानून पूरी तरह खत्म है और अराजकता” व्याप्त है जबकि पुलिस और प्रशासन “मौन” मुद्रा में हैं।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से “विस्फोटक स्थिति” को संभालने का अनुरोध करते हुए उनसे “इस तरह की अराजकता और संवैधानिक तंत्र की विफलता के नतीजों” का आकलन करने को कहा।

उन्होंने राज्य प्रशासन पर आंदोलनकारियों के खिलाफ स्थिति को बिगड़ने और कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।

धनखड़ ने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी को संदेश, पूर्ण अव्यवस्था व अराजकता। पुलिस और प्रशासन मौन मुद्रा में हैं। उम्मीद है आपको इस तरह की अराजकता और संवैधानिक तंत्र की अव्यवस्था के नतीजों का एहसास होगा। समय इस विस्फोटक स्थिति पर लगाम लगाने का है जो मिनट दर मिनट बिगड़ती जा रही है।”

टीएमसी के सैकड़ों समर्थकों ने यहां सीबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और केंद्रीय बलों के कर्मियों पर पत्थर और पानी की बोतलें फेंकी जो निजाम पैलेस में सीजीओ कॉम्प्लेक्स की बैरीकेडिंग कर रहे थे। निजाम पैलेस में ही केंद्रीय एजेंसी का दफ्तर स्थित है।

पार्टी का झंडा लिये नारे लगाते प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने यहां राजभवन के बाहर भी प्रदर्शन किया।

राज्यपाल ने कहा, “ममता बनर्जी का ध्यान आकृष्ट किया , चैनलों और सार्वजनिक मंचों पर मैंने सीबीआई कार्यालय में आगजनी और पथराव देखा। दयनीय है कि कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस सिर्फ मूकदर्शक हैं। आपसे अपील है कि कानून व्यवस्था बहाल करने के लिये कार्रवाई करें।”

उन्होंने सरकार और राज्य पुलिस से कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिये हर कदम उठाने का आह्वान किया।

धनखड़ ने ट्वीट किया, “भयावह स्थिति से चिंतित हूं। ममता बनर्जी के कार्यालय से संवैधानिक नियम और कायदों के पालन का आह्वान करता हूं। दुखद है कि अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण स्थिति को बिगड़ने दिया जा रहा है।”

भाषा

प्रशांत उमा

उमा