पूर्व पीएम के शव को दर्शनार्थ रखने कांग्रेस ने नहीं खोला था मुख्यालय का गेट, सोनिया गांधी से अच्छे नहीं थे पीवी नरसिम्हा राव के रिश्ते, देखें फिर क्या हुआ

पूर्व पीएम के शव को दर्शनार्थ रखने कांग्रेस ने नहीं खोला था मुख्यालय का गेट, सोनिया गांधी से अच्छे नहीं थे पीवी नरसिम्हा राव के रिश्ते, देखें फिर क्या हुआ

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  • Publish Date - June 28, 2021 / 08:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

नई दिल्ली।  पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने जिस  तरह भारत को आ्रतिक शक्ति बनाया उसकी मिसाल दी जाती है। इंदिरा, राजीव गांधी की तरह पीवी नरसिम्हा राव की गिनती अपन समय के श्रेष्ठ पीएम में होती है। लेकिन कांग्रेस पर ये आरोप लगता ररहा कि सोनिया गांधी के राजनीति में आने के बाद नरसिम्हा राव की उपेक्षा की गई। इसके तमाम कारण भी बताए जाते हैं। वहीं पीवी नरसिम्हा राव के साथ कांग्रेस के रिश्ते खराब हो गए थे कि उनकी मौत के बाद उनके अंतिम दर्शनों के लिए कांग्रेस मुख्यालय ने अपने दरवाजे तक नहीं खोले थे।

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विनय सीतापति ने अपनी किताब ‘द हाफ लायन’ में नरसिम्हा राव के देहांत के बाद ककी परिस्थितियों के बारे में लिखा है कि  23 दिसंबर 2004 को नरसिम्हा राव ने  अंतिम सांस ली थी। इसके बाद उस समय के  गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने राव के छोटे बेटे प्रभाकर को सलाह दी थी राव का अंतिम संस्कार हैदराबाद में किया जाए। नरसिम्हा राव का शव उनके निवास स्थान 9 मोती लाल नेहरू मार्ग पर लाया गया। यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने भी परिवार से शव हैदराबाद ले जाने के लिए कहा।

इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ  नेता और आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी यहां पहुंचे, उन्होंने  राव के परिवार से कहा कि  उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद में  पूरे सम्मान के साथ किया जाएगा। दिल्ली में अंतिम संस्कार ना करने को लेकर कहा जाता है कि  कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता था कि राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो। इसके बाद  परिवार ने तय किया कि  नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार दिल्ली नहीं हैदराबाद में होगा।  इसके अगले दिन 24 दिसबंर को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का शव एयरपोर्ट के लिए निकलता है।

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एयरपोर्ट के रास्ते में कांग्रेस मुख्यालय भी आता है,  जहां से नरसिम्हा राव ने राष्ट्रीय राजनीति की शुरुआत की थी। सामान्यतय  पार्टी के किसी बड़े नेता के निधन के बाद उसके शव को कुछ समय पार्टी कार्य़ालय में रखने की प्रथा लंबे समय से चली आ  रही है, ताकि कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के साथ ऐसा नहीं किया गया, एयरपोर्ट के रास्ते राव का शव लेकर परिजन जब कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पहुंचे तो गेट ही नहीं खुला।
विनय सीतापति लिखते हैं कि ‘राव का शव करीब आधे घंटे तक कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के बाहर एयर फोर्स की गाड़ी पर रखा रहा। परिजन अंदर जाने का इंतजार करते रहे। जब गेट नहीं खुला तो थक हारकर एयरपोर्ट की तरफ रवाना हो गए। हालांकि उस वक्त सोनिया गांधी भी पार्टी दफ्तर के अंदर ही मौजूद थीं।।

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बीजेपी हमेशा से इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस  पर ताना मारती है। वहीं  कांग्रेस ने 100वीं जयंती के मौके पर सोमवार को उन्हें याद किया और कहा कि वह एक दूरदर्शी नेता थे जिनकी अगुवाई में बड़े आर्थिक परिवर्तन हुए एवं लाइसेंस राज का खात्मा हुआ। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर राव की तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘‘हम पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वह एक दूरदर्शी नेता थे जिनकी देखरेख में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े आर्थिक बदलाव हुए तथा लाइसेंस राज का खात्मा हुआ। राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’’कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने राव को याद करते हुए कहा, ‘‘पीवी नरसिम्हा राव जी को याद करता हूं। वह एक महान दूरदर्शी थे जो देश में आर्थिक सुधार लेकर आए।’

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कांग्रेस के अनुभवी नेता, राव ने 1991 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और उन्हें परिवर्तनकारी बदलावों को अमल में लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारवादी बनाने का श्रेय दिया जाता है।