तेजपुर, आठ दिसंबर (भाषा) असम में कांग्रेस विधायक दल ने तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति शंभू नाथ सिंह के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं की जांच शुरू करने के लिए सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में शिकायत दर्ज कराई।
वहीं, विपक्षी दल की छात्र इकाई एनएसयूआई ने सिंह के खिलाफ हैलाकांडी जिले के एक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। सिंह 22 सितंबर से तेजपुर विश्वविद्यालय में नहीं दिखे हैं, जब उनके खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में आंदोलन शुरू हुआ था।
असम के सोनितपुर जिले में स्थित यह केंद्रीय विश्वविद्यालय 29 नवंबर से पूरी तरह से बंद है, क्योंकि सभी हितधारकों के एक संयुक्त मंच ने कुलपति को हटाने और उनके कार्यों के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की है।
कांग्रेस ने सीबीआई के गुवाहाटी प्रमुख को लिखे पत्र में कहा, “हम पारदर्शिता, जवाबदेही और सार्वजनिक धन की सुरक्षा के हित में यह पत्र लिख रहे हैं और अनुरोध करते हैं कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/सीबीआई तेजपुर विश्वविद्यालय में पिछले कई वर्षों में सामने आए वित्तीय, प्रशासनिक एवं वैधानिक अनियमितताओं के विभिन्न आरोपों की स्वतंत्र जांच करे।”
पत्र पर असम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया और विधायक नूरुल हुदा तथा सिबामोनी बोरा ने हस्ताक्षर किए हैं।
इसमें कहा गया है कि ये चिंताएं सार्वजनिक मंचों पर व्यापक रूप से प्रसारित की गई हैं, छात्रों, संकाय निकायों और कर्मचारी संघों की ओर से औपचारिक रूप से उठाई गई हैं और कुछ आधिकारिक संस्थागत तंत्रों जैसे सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदनों के उत्तरों के माध्यम से भी सामने आई हैं।
पत्र में कांग्रेस ने सीबीआई से अनुरोध किया है, “तेजपुर विश्वविद्यालय में कथित वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की गहन, समयबद्ध एवं निष्पक्ष जांच शुरू की जाए। पिछले कई वर्षों के खरीद रिकॉर्ड, निविदा दस्तावेजों और वित्तीय लेनदेन की जांच की जाए।”
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने केंद्रीय जांच एजेंसी से आरटीआई आधारित इस दावे की भी पुष्टि करने का अनुरोध किया कि कुलपति की नियुक्ति और योग्यता से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज “कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं।”
उसने कहा, “सार्वजनिक संस्थानों को नियंत्रित करने वाले कानूनों के अनुसार जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करें। इसमें शामिल सार्वजनिक धन के पैमाने और क्षेत्र के लिए तेजपुर विश्वविद्यालय के महत्व को देखते हुए, संस्थागत विश्वसनीयता बहाल करने की खातिर एक स्वतंत्र जांच जरूरी है।”
इस बीच, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) की जिला इकाई ने हैलाकांडी पुलिस थाने में कुलपति के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और धन शोधन सहित अन्य आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।
एनएसयूआई ने दावा किया, “वह (सिंह) बड़े पैमाने पर सुनियोजित भ्रष्टाचार, करोड़ों रुपये के सार्वजनिक धन के दुरुपयोग, लोक सेवक के रूप में उन्हें सौंपी गई धनराशि के आपराधिक दुरुपयोग, संबंधित सेवाएं प्रदान किए बिना विभिन्न शुल्क वसूलकर छात्रों को धोखा देने और आर्थिक लाभ के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके आपराधिक कदाचार में लिप्त रहे हैं।”
तेजपुर विश्वविद्यालय में स्थिति मध्य सितंबर से ही तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां छात्रों ने कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन पर राज्य के सांस्कृतिक प्रतीक जुबिन गर्ग के प्रति उचित सम्मान न दिखाने का आरोप लगाया, जबकि राज्य में उनके निधन पर शोक मनाया जा रहा था।
वित्तीय अनियमितताओं के अलावा, विश्वविद्यालय समुदाय सिंह के प्रशासन के तहत वनों की कथित कटाई और पारिस्थितिक विनाश के खिलाफ भी विरोध कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक कुलपति को हटाने के संबंध में केंद्र से औपचारिक सूचना नहीं मिल जाती, तब तक विश्वविद्यालय बंद रहेगा।
भाषा पारुल संतोष
संतोष