Congress MP Renuka Chowdhury Video: पत्रकार ने ऐसा क्या पूछ लिया कि महिला कांग्रेस सांसद करने लगीं 'भौं-भौं' / Image: Screengrab
नई दिल्ली: Congress MP Renuka Chowdhury Video संसद के शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है और देश के कई अहम मुद्दों पर एक बार फिर सत्ता और विपक्ष के नेता आमने-सामने हैं। शीतकालीन सत्र का पहला दिल हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन दूसरे दिन सदन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा जारी है। लेकिन कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन के बाहर अनोखा नजारा देखने को मिला, जहां कांग्रेस की महिला सांसद ने पत्रकारों के सवाल का जवाब ‘भौं भौं’ करके दिया।
Congress MP Renuka Chowdhury Video दरअसल मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस सांसद ने विशेषाधिकार प्रस्ताव को लेकर कहा, ‘भौं-भौं नहीं..तो क्या कहूंगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब आएगी तब देखा जाएगा। ऐसी क्या परेशानी है। जब आएगा न तब मैं मुंहतोड़ जवाब दूंगी।’
उन्होंने कहा, ‘अगर वह विशेषाधिकार के उल्लंघन पर मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहते हैं, तो उन्हें लाने दो। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। पूर्व प्रधानमंत्री (अटल बिहारी) वाजपेयी भी संसद में बैलगाड़ी लेकर आए थे। हिंदू धर्म में कुत्तों का महत्व है। ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसका मैंने उल्लंघन किया है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।’
बता दें कि सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन चौधरी कुत्ते को संसद में लेकर आईं थीं और पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने कहा, ‘यह सीधा है और काटता नहीं है, काटते तो संसद के अंदर बैठे और सरकार चलाने वाले लोग हैं।’ उनका कहना था कि वह आवारा जानवर को उठाकर पशु चिकित्सक के पास ले जा रही थीं।
मंगलवार को भाजपा सांसद संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने न केवल संसद की मर्यादा और गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि वहां काम करने वाले सभी सांसदों, सुरक्षाकर्मियों, अधिकारियों और दूसरे कर्मचारियों का भी अपमान किया। पात्रा ने कहा, ‘जिस तरह से राहुल गांधी और रेणुका चौधरी के बयान से संसद की मर्यादा और गरिमा को ठेस पहुंची है। दोनों ‘आर’ को याद रखने की जरूरत है कि एक ‘आर’ सांसदों की रेसपांसिबिलिटी का भी है।’ पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी हताशा में ‘इतने नीचे गिर गई है’ कि उसके नेताओं ने संसद में अपनी ही पार्टी के सांसदों और ‘दोस्तों’ को भी नहीं बख्शा। उन्होंने आरोप लगाए, ‘हो सकता है कि दो पार्टियों के बीच ज्यादा सहमति न हो; असहमति हो सकती है। लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं और एक-दूसरे के खून के प्यासे नहीं हैं।’