बंगाल में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की जरूरत नहीं, हम ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं: अभिषेक बनर्जी

बंगाल में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की जरूरत नहीं, हम ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं: अभिषेक बनर्जी

  •  
  • Publish Date - December 17, 2025 / 10:10 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 10:10 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के लिए उनकी पार्टी को कांग्रेस की जरूरत नहीं है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तृणमूल अब भी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।

पार्टी नेता ने यहां मीडिया से कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर कोई भी फैसला पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लेंगी।

बनर्जी ने अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा, “मैंने यह पहले भी कहा है, जब पार्टी कोई फैसला लेगी, तो आपको पता चल जाएगा। फिलहाल, बंगाल में कांग्रेस के पास ऐसा कुछ नहीं है जिसकी हमें जरूरत हो या जो वह हमें दे सके।”

उन्होंने कहा, “2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने (कांग्रेस ने ) दो सीट पर जीत हासिल की, हमने उन्हें प्रस्ताव दिया, उन्होंने ठुकरा दिया और परिणाम सबके सामने हैं। उनकी सीट दो से घटकर एक रह गईं। आगे क्या होगा, यह पूरी तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले पर निर्भर करेगा।”

बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी को चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की जरूरत नहीं है।

उन्होंने मनरेगा का नाम बदलने के लिए भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि योजना का नाम बदलने से कोई फायदा नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल को बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए।

बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल विरोधी होने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि गांधीजी को ‘महात्मा’ की उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी, इसलिए ग्रामीण रोजगार योजना से गांधीजी का नाम हटाना बंगाल विरोधी है।

तृणमूल नेता ने कहा, “उन्होंने पश्चिम बंगाल को चार-पांच साल से पैसा देना बंद कर दिया है। योजना का नाम बदलने से कोई फायदा नहीं होगा। जवाबदेही कहां है? केंद्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था।”

उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी का नाम हटाना यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें कितना महत्व देते हैं।”

भाषा जितेंद्र प्रशांत

प्रशांत