Congress on GST Reduction: जीएसटी में कटौती पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया.. पूर्व वित्तमंत्री ने लिखा, ‘सुधार का स्वागत, पर बहुत देर हो चुकी है’

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी में व्यापक कटौती की घोषणा की थी। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य परिवारों, किसानों, व्यवसायों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को राहत प्रदान करना है। सरकार द्वारा इसे "अगली पीढ़ी का जीएसटी सुधार" कहा जा रहा है।

Congress on GST Reduction: जीएसटी में कटौती पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया.. पूर्व वित्तमंत्री ने लिखा, ‘सुधार का स्वागत, पर बहुत देर हो चुकी है’

Congress on GST Reduction || Image- IBC24 News File

Modified Date: September 4, 2025 / 10:41 am IST
Published Date: September 4, 2025 10:41 am IST
HIGHLIGHTS
  • चिदंबरम ने कहा- सरकार ने 8 साल देरी से लिया फैसला
  • ममता बनर्जी की चेतावनी के बाद बीमा कर हटा: टीएमसी
  • विपक्ष बोला- जनदबाव के कारण सरकार ने बदली रणनीति

Congress on GST Reduction: नई दिल्ली: कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री रहे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार के जीएसटी सुधार के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने और दरों में कटौती की मांग की है, लेकिन इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह “आठ साल की देरी” है।

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‘फैसला लेने में 8 साल की देरी’ :चिदंबरम

एक्स पर एक पोस्ट में चिदंबरम ने कहा कि मौजूदा जीएसटी डिजाइन और दरों को पहले ही लागू नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने वर्षों से इन मुद्दों के खिलाफ बार-बार चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया गया। “जीएसटी को तर्कसंगत बनाना और कई वस्तुओं व सेवाओं पर दरों में कमी स्वागत योग्य है, लेकिन 8 साल की देरी हो चुकी है। जीएसटी का वर्तमान स्वरूप और आज तक प्रचलित दरें शुरू में ही लागू नहीं होनी चाहिए थीं। हम पिछले 8 सालों से जीएसटी के स्वरूप और दरों के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहे हैं , लेकिन हमारी गुहार अनसुनी कर दी गई,” चिदंबरम ने सुधारों के लिए सरकार के समय पर सवाल उठाया और अचानक हुए बदलाव के पीछे संभावित कारणों पर अटकलें लगाईं।

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उन्होंने कई आर्थिक और राजनीतिक कारकों का हवाला दिया जिनके कारण आठ वर्षों के देर के बाद यह फैसला लिया गया। इन कारणों में अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया टैरिफ और इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार चुनाव शामिल हैं। उन्होंने कहा, “यह जानना दिलचस्प होगा कि सरकार को ये बदलाव करने के लिए किस बात ने प्रेरित किया? सुस्त विकास? बढ़ता घरेलू कर्ज? घटती घरेलू बचत? बिहार में चुनाव? श्री ट्रम्प और उनके टैरिफ? ये सभी?”

टीएमसी ने कहा ‘आम लोगों की जीत’

Congress on GST Reduction: अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ( टीएमसी ) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जीएसटी दर में कटौती को सरकार पर लगातार दबाव के बाद हासिल की गई “आम लोगों की जीत” करार दिया। पार्टी ने बीमा प्रीमियम कराधान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले के रुख को उजागर किया, जिसकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने “क्रूर” और “जनविरोधी” कहकर आलोचना की थी।

“यह जीत एक ऐसे बहरे शासन से मिली है जो केवल दबाव में आने पर ही सुनता है। पहले दिन से ही ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री को चेतावनी दी थी कि बीमा प्रीमियम पर कर लगाना क्रूर और जनविरोधी है, और यह परिवारों को अपना भविष्य सुरक्षित करने से रोकेगा, जिससे वे संकट के समय आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएँगे। नरेंद्र मोदी सरकार आखिरकार दबाव में झुक गई है। यह वापसी साबित करती है कि भाजपा केवल तब कार्रवाई करती है जब उसे घेरा जाता है। हम संसद में, सड़कों पर, लोगों के बीच, ऐसे हर जोनो-बिरोधा फैसले के खिलाफ लड़ते रहेंगे।”

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इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी में व्यापक कटौती की घोषणा की थी। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य परिवारों, किसानों, व्यवसायों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को राहत प्रदान करना है। सरकार द्वारा इसे “अगली पीढ़ी का जीएसटी सुधार” कहा जा रहा है। यह फैसला राष्ट्र के लिए दिवाली उपहार के रूप में आया है और इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ जीवन-यापन की लागत कम होने की उम्मीद है। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को मिलाकर जीएसटी दरों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो स्लैब में तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया।


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