ISRO SSLV-D3 Mission : अंतरिक्ष में छलांग लगाने को तैयार है ISRO..! SSLV-D3 की उल्टी गिनती शुरू, कल होगा ये खास स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च

Isro SSLV-D3 Mission : अंतरिक्ष में छलांग लगाने को तैयार है ISRO..! SSLV-D3 की उल्टी गिनती शुरू, कल होगा ये खास स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च |

ISRO SSLV-D3 Mission : अंतरिक्ष में छलांग लगाने को तैयार है ISRO..! SSLV-D3 की उल्टी गिनती शुरू, कल होगा ये खास स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च

ISRO SSLV-D3 Mission

Modified Date: August 15, 2024 / 04:59 pm IST
Published Date: August 15, 2024 4:59 pm IST

ISRO SSLV-D3 Mission : नई दिल्ली। 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी हासिल करने जा रहा है। इसरो ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि 16 अगस्त को एसएसएलवी की तीसरी विकासात्मक उड़ान, लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)-D3/EOS-08 मिशन को एक घंटे की लॉन्च विंडो में सुबह 9:17 बजे लॉन्च करेगा।

ISRO SSLV-D3 Mission : इससे पहले 7 अगस्त को, अंतरिक्ष एजेंसी ने घोषणा की थी कि प्रक्षेपण 15 अगस्त को सुबह 9.17 बजे निर्धारित किया गया है। यह एसएसएलवी की अंतिम प्रदर्शन उड़ान होगी। एसएसएलवी को आखिरकार निजी उद्योग को सौंप दिया जाएगा।

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इसरो ने कहा कि ईओएस-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में एक सूक्ष्म-उपग्रह का डिजाइन और उसका विकास करना, सूक्ष्म-उपग्रह बस के साथ संगत पेलोड उपकरणों का निर्माण करना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को जोड़ना शामिल है। एजेंसी ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एसएसएलवी-डी3/ईओएस-08 मिशन: एसएसएलवी की तीसरी विकासात्मक उड़ान का प्रक्षेपण 16 अगस्त, 2024 को एक घंटे की ‘लॉन्च विंडो’ में भारतीय समयानुसार सुबह नौ बज कर 17 मिनट पर शुरू होने वाला है।’’

 

ईओएस-08 का काम

ईओआईआर पेलोड को मध्य-तरंग आईआर और लंबी-तरंग आईआर बैंड में दिन और रात दोनों छवियों को कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो आपदा निगरानी से लेकर आग का पता लगाने और ज्वालामुखी गतिविधि अवलोकन तक के अनुप्रयोगों को सक्षम बनाता है। जीएनएसएस-आर पेलोड महासागर की सतह की हवा के विश्लेषण, मिट्टी की नमी के आकलन और बाढ़ का पता लगाने के लिए अभिनव रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।

ईओएस-08 में कई स्वदेशी रूप से विकसित घटक

ईओएस-08 में कई स्वदेशी रूप से विकसित घटक भी शामिल हैं, जिनमें सौर सेल निर्माण प्रक्रियाएं और माइक्रोसैट अनुप्रयोगों के लिए एक नैनो स्टार-सेंसर शामिल हैं। इसरो ने कहा था कि नवाचार के लिए मिशन की प्रतिबद्धता बेहतर प्रदर्शन के लिए एक्स-बैंड डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम तक फैली हुई है। इसरो ने कहा था, अपने नियोजित एक वर्ष के मिशन जीवन के साथ, ईओएस-08 महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करने के लिए तैयार है, जो पृथ्वी की प्रणालियों की समझ को बढ़ाएगा और समाज और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए लाभकारी अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करेगा।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years