न्यायालय ने अपने निर्देशों के विपरीत अधिसूचना जारी करने पर गुजरात से नाखुशी जताई

न्यायालय ने अपने निर्देशों के विपरीत अधिसूचना जारी करने पर गुजरात से नाखुशी जताई

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  • Publish Date - November 18, 2021 / 10:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने के संबंध में दिये गये उसके निर्देशों के विपरीत अधिसूचना जारी करने पर बृहस्पतिवार को गुजरात सरकार से अप्रसन्नता जताई।

शीर्ष अदालत ने चार अक्टूबर को कहा था कि कोविड-19 से मृत किसी व्यक्ति के परिजन को 50,000 रुपये का मुआवजा देने से कोई भी सरकार केवल इस आधार पर मना नहीं करेगी कि मृत्यु प्रमाणपत्र में कारण में वायरस का उल्लेख नहीं है।

अदालत ने यह भी कहा था कि संबंधित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या जिला प्रशासन में कोरोना वायरस के कारण मृत्यु के प्रमाणपत्र और कारण ‘कोविड-19 की वजह से मृत्यु’ प्रमाणित किये जाने के साथ आवेदन करने की तारीख से 30 दिन के अंदर अनुग्रह राशि दी जानी होती है।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए मामला आया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘29 अक्टूबर, 2021 की अधिसूचना देखने के बाद हमें लगता है कि यह इस अदालत द्वारा चार अक्टूबर, 2021 के एक आदेश में जारी निर्देशों के बिल्कुल विपरीत हैं।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि आवेदन की प्रति सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को दी जाए जो इस पर जवाब दाखिल करेंगे।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश