न्यायालय ने वन में कुएं की खुदाई को लेकर केंद्र, असम सरकार, ओआईएल को नोटिस जारी किया

न्यायालय ने वन में कुएं की खुदाई को लेकर केंद्र, असम सरकार, ओआईएल को नोटिस जारी किया

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  • Publish Date - September 30, 2020 / 11:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

गुवाहाटी, 30 सितम्बर (भाषा) गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र, असम सरकार, आयल इंडिया और विभिन्न एजेंसियों को डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के भीतर सात कुएं खोदने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) को अनुमति प्रदान करने के एक मामले में नोटिस जारी किया। जिस स्थान पर कुएं खोदे जाने हैं वह बागजन कुएं के नजदीक है जहां हादसा हो गया था।

अधिवक्ता मृणमय खतैनियार और पर्वतारोही अमर ज्योति डेका द्वारा संयुक्त रूप से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) एन कोटिश्वर सिंह और न्यायमूर्ति मनीष चौधरी की पीठ ने 14 प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवायी की तारीख 20 अक्टूबर तय की।

पीठ ने इसके साथ ही एक अन्य वकील गौतम उजीर द्वारा दायर एक और जनहित याचिका पर भी विचार किया, क्योंकि दोनों एक ही मुद्दे पर दायर की गई थी।

याचिकाकर्ताओं की वकील राखी सिरौथिया चौधरी ने कहा, ‘‘इससे पहले की सुनवायी पर अदालत ने प्रतिवादी पक्ष को जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा था। हालांकि, ऑयल इंडिया के अलावा किसी ने भी जवाब नहीं दिया। इसलिए अदालत ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह का समय दिया।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि ओआईएल ने अदालत के पहले के निर्देश का जवाब दिया है, लेकिन याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर एक अतिरिक्त हलफनामे पर उसे नोटिस जारी किया गया है।

याचिकाकर्ताओं ने मामले में 14 को प्रतिवादी बनाया है- भारत सरकार, सचिव, भारत सरकार, असम सरकार, प्रधान सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव)।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड, राज्य वन्यजीव बोर्ड, ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल), महाप्रबंधक, उपायुक्त, आयुक्त और सचिव, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी मामले में पक्षकार बनाया गया था।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तिनसुकिया जिले के बागजन के उत्तर पश्चिम में डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के तहत आने वाले सात स्थानों पर हाइड्रोकार्बन के लिए जांच और ड्रिलिंग के लिए आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को पर्यावरणीय मंजूरी दी थी।

ओआईएल के बागजन कुएं के स्थल पर गत नौ जून के बाद से आग लगी हुई है। इस आग में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई है।

असम सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि विशेषज्ञों को आग को बुझाने में दो और महीने लगने की संभावना है।

जनहित याचिका जैव विविधता में समृद्ध वन के भीतर कुएं की खुदाई के लिए मंजूरी वर्तमान नियमों में संशोधन करके देने के खिलाफ दायर की गई है।

भाषा अमित पवनेश

पवनेश