अदालत ने समर्पण से पहले कैदियों के टीकाकरण के अनुरोध वाली याचिकाओं पर आप सरकार से जवाब मांगा

अदालत ने समर्पण से पहले कैदियों के टीकाकरण के अनुरोध वाली याचिकाओं पर आप सरकार से जवाब मांगा

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  • Publish Date - February 22, 2021 / 10:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल के भीतर कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के मद्देनजर जमानत या पैरोल पर रिहा कैदियों के समर्पण के पहले टीकाकरण के संबंध में दाखिल दो याचिकाओं पर सोमवार को आप सरकार से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर याचिकाओं पर 26 मार्च तक जवाब मांगा है और मुद्दे पर उससे ‘‘जल्द’’ कदम उठाने को कहा है।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (फौजदारी) राहुल मेहरा ने पीठ को आश्वस्त किया कि ‘‘चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि हर चीज नियंत्रण में है।’’

उन्होंने अदालत से कहा कि जेल में कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैला है।

पीठ ने सरकार को अपने हलफनामे में उठाए गए कदम और प्रस्तावित कदम के बारे में बताने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पैरोल, फरलो या जमानत पर रिहा कैदियों को लंबे समय तक बाहर रखने के बहाने ये याचिकाएं दाखिल की गयी हैं।

पीठ ने कहा कि जब कोई अपराध करता है तो ऐसे व्यक्तियों को यह पता होना चाहिए कि अदालतें जब उन्हें जेल भेजती हैं तो क्या सब हो सकता है।

इनमें से एक याचिकाकर्ता और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही 65 वर्षीय महिला ने अपनी याचिका में जमानत, पैरोल या फरलो पर चल रहे विशेषकर 60 साल से अधिक उम्र के सभी कैदियों के समर्पण करने से पहले उनके टीकाकरण का अनुरोध किया है।

वकील अमित साहनी की ओर से दायर याचिका में महिला ने जेल कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में बंद सभी कैदियों के टीकाकरण का भी अनुरोध किया है।

इसी तरह की याचिकाएं चार वकीलों अभिलाषा सहरावत, प्रभाष, कार्तिक मल्होत्रा और मानव नरुला ने दायर की है। इन सभी ने अदालत से ‘‘दिल्ली सरकार को जमानत पर चल रहे सभी कैदियों के टीकाकरण का निर्देश देने’’ का अनुरोध किया है।

भाषा सुरभि पवनेश

पवनेश