कोविड-19 की त्रासदी गुजरात के अखबारों में भी दिख रही, शोक संदेशों से पटे अखबार

कोविड-19 की त्रासदी गुजरात के अखबारों में भी दिख रही, शोक संदेशों से पटे अखबार

कोविड-19 की त्रासदी गुजरात के अखबारों में भी दिख रही, शोक संदेशों से पटे अखबार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: May 6, 2021 11:48 am IST

अहमदाबाद, छह मई (भाषा) गुजरात में कोविड-19 महामारी की बढ़ती विभिषिका का अंदाजा यहां से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों से लगाया जा सकता है जिसमें शोक संदेशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

इसका अंदाजा सौराष्ट्र भास्कर के भावनगर संस्करण में देखने को मिला जहां पर बृहस्पतिवार को 16 पन्नों के समाचार पत्र में आठ पन्ने शोक संदेश और श्रद्धांजलि से भरे हुए थे।

मृत्यु संदेशों की संख्या में वृद्धि उन आशंकाओं की बीच हो रही है कि विभिन्न कारणों से कोविड-19 के मामलों और मौतों की संख्या कम बताई जा रही है।

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मशहूर गुजराती समाचार पत्र सौराष्ट्र भास्कर में बृहस्पतिवार को 238 शोक संदेश प्रकाशित किए गए जबकि दो महीने पहले यानी छह मार्च को केवल 28 शोक संदेश प्रकाशित हुए थे।

एक अन्य प्रमुख गुजराती अखबार ‘संदेश’ ने खबर दी कि गुजरात के खेड़ा जिले में बुधवार को कोविड-19 के 12 मरीजों की मौत हुई जबकि राज्य सरकार द्वारा मौतों की संख्या दो बताई गई।

इसी प्रकार ‘गुजरात समाचार’ अखबार ने बुधवार को गांधीनगर में 25 लोगों के कोरोना वायरस से मौत की खबर प्रकाशित की इसके विपरीत राज्य सरकार ने बताया कि गांधीनगर में बुधवार को केवल एक मरीज की मौत कोविड-19 से हुई है।

विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार संक्रमितों की संख्या कम बता रही है और महामारी से मौतों को छिपा रही है।

राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने बताया, ‘‘ विजय रूपाणी नीत सरकार कोरोना वायरस के मौतों को कम बता रही है ताकि लोगों से सच्चाई छिपाई जा सके।’’

इन आरोपों का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने कहा कि अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत अन्य गंभीर बीमारियों से होती है तो उसकी गणना विषाणु के संक्रमण से हुई मौत में शामिल नहीं होगी और मौतों का वर्गीकरण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के तहत किया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक गत 24 घंटे में कोविड-19 से 133 लोगों की मौत हुई जबकि दो प्रमुख अखबारों में प्रकाशित शोक संदेशों संख्या ही 141 (गुजरात समाचार में 85 और संदेश में 56) थी।

भाषा धीरज माधव

माधव


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