प्रेस की विश्वसनीयता दरक रही, सटीकता और निष्पक्षता बनाए रखने की जरूरत: पीटीआई के सीईओ विजय जोशी

प्रेस की विश्वसनीयता दरक रही, सटीकता और निष्पक्षता बनाए रखने की जरूरत: पीटीआई के सीईओ विजय जोशी

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  • Publish Date - November 16, 2025 / 07:19 PM IST,
    Updated On - November 16, 2025 / 07:19 PM IST

नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) समाचार एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय जोशी ने रविवार को कहा कि फर्जी खबरें मीडिया की विश्वसनीयता के लिए चुनौती बन रही हैं और साथ ही प्रेस भी कभी-कभी असत्यापित खबरें प्रकाशित करके अपनी विश्वसनीयता को सवालों के घेरे में ला खड़ा करती है।

जोशी ने इसके लिए हाल ही में कई मीडिया संस्थानों द्वारा बीमार अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की गलत खबर प्रसारित किए जाने का उदाहरण दिया।

भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह को संबोधित करते हुए जोशी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के ‘बढ़ते दखल’ और गलत सूचना के कारण आने वाली चुनौतियों और मीडिया की विश्वसनीयता बहाल करने की आवश्यकता के बारे में बात की।

इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

जोशी ने पत्रकारों से ‘सत्य, सटीकता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता’ के चार आधारभूत सिद्धांतों का पालन करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रेस आज अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है, क्योंकि प्रेस की विश्वसनीयता – जो एक स्वस्थ लोकतंत्र की नींव है – दरक रही है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते दखल के साथ वैश्विक ‘सूचना महामारी’ (इन्फोडेमिक) के निरंतर प्रसार के कारण फर्जी खबरों के खतरे का भी सामना कर रही है। यह भरोसा इसलिए टूट रहा है क्योंकि हम अक्सर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेते हैं। हम अपनी रिपोर्टिंग के तरीके से, बल्कि अपनी गलत रिपोर्टिंग से, खुद को ही नीचा दिखाते हैं।’’

जोशी ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि पीटीआई ने धर्मेंद्र की कथित मौत की खबर देने से इनकार कर दिया क्योंकि किसी भी आधिकारिक व्यक्ति ने इसकी पुष्टि नहीं की थी।

उन्होंने कहा कि इसी तरह पीटीआई ने पूनम पांडे की कथित मौत की खबर भी नहीं दी, जो कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक ‘‘प्रैंक’’ साबित हुआ।

जोशी ने कहा कि पीटीआई ने बहुत ही सुविचारित दृष्टि के साथ तात्कालिकता की बजाय सटीकता को प्राथमिकता दी है और उसे गलती स्वीकार करने, समाचार रिपोर्ट में सुधार करने या अधिक संतुलन प्रदान करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।

जोशी ने कहा, ‘‘इस संस्थागत अनुशासन और तथ्यों को सही ढंग से प्रस्तुत करने की प्रतिबद्धता ने पीटीआई को लाखों भारतीयों और हमारी सेवा पर निर्भर मीडिया संस्थानों के लिए समाचार का एक विश्वसनीय स्रोत बने रहने में मदद की है।’’

उन्होंने कहा कि मीडिया ने ठोस तथ्यों की बजाय जल्दबाजी को और विश्वसनीयता की बजाय ‘क्लिक’ के पीछे भागने को प्राथमिकता दी है, जिससे गलत सूचनाओं की बाढ़ सी आ गयी है।

जोशी ने कहा, ‘‘इससे जनता के विश्वास में खतरनाक गिरावट आई है। उस विश्वास को बहाल करना हर पत्रकार और मीडिया संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण मिशन है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इन सभी दबावों -व्यावसायिक, राजनीतिक, गति- के बीच समाचार संस्थानों को हरसंभव तरीके से सटीकता, निष्पक्षता और जवाबदेही को बरकरार रखना चाहिए। यही विश्वसनीयता का मूल है।’’

उन्होंने कहा कि पीटीआई ने गलत सूचनाओं की बाढ़ से निपटने के लिए एक ‘फैक्ट चेक’ डेस्क स्थापित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी चीज को सिर्फ ‘झूठा’ नहीं कह देते; हम उसे साबित करते हैं। हम अपने काम के तौर-तरीके का विवरण देते हैं, सबूत पेश करते हैं, और बताते हैं कि गलत सूचना कैसे फैलाई गई।’’

जोशी ने हर संवाददाता, संपादक और डेस्क को जटिल भ्रामक सूचनाओं की पहचान करने के कौशल से लैस करके इससे लड़ने के लिए एक बहुआयामी सहयोग के प्रयास का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक पत्रकार को एक कहानीकार और एक डिजिटल जासूस दोनों होना चाहिए।’’

जोशी ने शैक्षणिक संस्थानों, तकनीकी मंचों और सरकार के साथ साझेदारी करके राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि प्रेस केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक जनसेवा है।

जोशी ने कहा, ‘‘यह एक भरोसा है। मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब जनता कहेगी कि ‘मुझे समाचार पर भरोसा है’।’’

भाषा शफीक नरेश

नरेश