दिव्यांग लड़कियों, महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर आंकड़ों को अलग रखा जाए: दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता

दिव्यांग लड़कियों, महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर आंकड़ों को अलग रखा जाए: दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता

दिव्यांग लड़कियों, महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर आंकड़ों को अलग रखा जाए: दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: January 22, 2021 12:25 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 90 से अधिक लोगों, दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने पत्र लिख कर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) दिव्यांग लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर अलग से आंकड़े रखे।

दिव्यांग अधिकार के लिए राष्ट्रीय मंच, दृष्टिहीन के लिए राष्ट्रीय संघ और बधिर के लिए अखिल भारतीय महासंघ सहित दिव्यांग अधिकार समूहों एवं कार्यकर्ताओं ने कहा कि दिव्यांग लड़कियों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के काफी संख्या में दर्ज मामले होने के बावजूद, एनसीआरबी इस तरह की हिंसा पर अलग से आंकड़े नहीं रखता है।

उन्होंने शाह को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक आदेश जारी करें कि एनसीआरबी अलग से आंकड़े रखे…।’’

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उन्होंने कहा कि एनसीआरबी ने दिसंबर 2020 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर एक आवेदन के जवाब में यह कह कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि ‘पुलिस राज्य सूची का विषय है, जो संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत आता है। ’

उन्होंने कहा, ‘‘इस कारण तो, एनसीआरबी को ज्यादातर अपराधों के आंकड़ों को एकत्र कर व्यवस्थित नहीं करना चाहिए, क्योंकि कानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है। ’’

दिव्यांग अधिकार समूहों एवं कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह मुद्दा कहीं अधिक तात्कालिक महत्व का हो गया है क्योंकि देश में दिव्यांग लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के दौरान भी इसमें कमी नहीं आई। इसके उलट, हमने पाया कि पीड़िता का उत्पीड़न बढ़ा और उनकी संख्या भी बढ़ी।’’

भाषा

सुभाष उमा

उमा


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