तारीख – 20 मार्च, समय 5.30 AM, इतिहास याद रखेगा ये दिन

तारीख - 20 मार्च, समय 5.30 AM, इतिहास याद रखेगा ये दिन

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  • Publish Date - March 20, 2020 / 12:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

नई दिल्ली । 20 मार्च की ये सुबह बेहद ख़ास है। आज निर्भया को इंसाफ मिला है। उसके परिवार की जीत हुई है। उसकी मां का संघर्ष खत्म हुआ है। लाखों करोड़ों महिलाओं की भी जीत हुई है। निर्भया जहां भी है शायद आज बेहद सुकून महसूस कर रही होगी।

एक मां ने जीती जंग, पिता को सुकून मिला

सात साल बीत चुके थे… आंसू सूख चुके थे… न्याय व्यवस्था पर भरोसा भी खोने लगा था.. लेकिन कहीं न कहीं एक उम्मीद भी थी… की आखिरकार उनकी बेटी को… देश की बेटी को… निर्भया को इन्साफ मिलेगा।

आख़िरकार निर्भया को इंसाफ मिला… आज भले ही निर्भया इस दुनिया से अलविदा ले चुकी है.. लेकिन आज वो जहाँ भी होगी.. शायद आज उसके चेहरे में भी मुस्कान होगी.. उसे भी सुकून होगा की आख़िरकार उसे इंसाफ मिला।

निर्भया को मिला इंसाफ
निर्भया के दोषियों को सजा मिलना.. बहुत जरूरी था… क्योंकि जिस तरह के जघन्य अपराध को उन्होंने अंजाम दिया था… वो खून खौलाने वाला था… ये ऐसा मामला था जिसमें पूरा देश एकजुट होकर दोषियों के लिए फांसी की मांग कर रहा था…क्योंकि जैसी दरिंदगी निर्भया के साथ की गई थी उसने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था…सभी को इंतजार था 20 मार्च की सुबह का… जब दरिंदों को फांसी दी जानी थी…

न्याय की हुई जीत
फांसी से बचने के लिए इन दरिंदों ने कई तरह के क़ानूनी दांव पेंच भी लगाए। जिसके चलते फांसी मिलने में दो महीने का वक़्त और लग गया। लेकिन देर सबेर ही सही… निर्भया के गुनहगार अब जहन्नुम में है, इस फैसले के साथ न्याय व्यवस्था ने भी एक नजीर पेश की है।