अनियोजित लोकलुभावन योजना के तहत पैसे बांटे जाने से देश, राज्यों पर कर्ज बढ़ता जा रहा: कांग्रेस सांसद

अनियोजित लोकलुभावन योजना के तहत पैसे बांटे जाने से देश, राज्यों पर कर्ज बढ़ता जा रहा: कांग्रेस सांसद

  •  
  • Publish Date - December 15, 2025 / 07:52 PM IST,
    Updated On - December 15, 2025 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस सांसद प्रणिती शिंदे ने सोमवार को आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के लोग चौबीसों घंटे ‘‘चुनावी मोड’’ में रहते हैं और हर चुनाव से पहले लोगों को रिझाने की खातिर अनियोजित लोकलुभावन योजना के तहत पैसे बांटे जाते हैं, जिससे देश और राज्यों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है।

‘वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग विधेयक’ पर लोकसभा में चर्चा के दौरान, शिंदे ने महाराष्ट्र में हाल में आई बाढ़ का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें अब तक नहीं पता कि केंद्र ने राज्य के लिए पैकेज की घोषणा की है या नहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में बाढ़ आने के बाद केंद्र से एक टीम भेजी गई थी लेकिन महाराष्ट्र के मंत्री कहते हैं कि उन्हें अब तक पैकेज नहीं मिला है जबकि केंद्र कह रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने अब तक प्रस्ताव नहीं भेजा है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि या तो महाराष्ट्र सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजना नहीं चाहती, या केंद्र सरकार महाराष्ट्र के किसानों के साथ अन्याय कर पैसा नहीं देना चाहती है।

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘इस बारे में केंद्र सरकार से हमें एक बयान अपेक्षित है कि असल में कितना पैकेज, कितने पैसे महाराष्ट्र के किसानों को मिलने वाले हैं।’’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के किसान कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने हर किसान को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टयर देने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने जिस तरह से पैकेज घोषित किया वह महाराष्ट्र के किसानों के साथ मजाक है।’’

उन्होंने दावा किया कि एक किसान के खाते में सिर्फ छह रूपये जमा किये गए। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के साथ ऐसा शर्मनाक मजाक महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार कर रही है।’’

शिंदे ने कहा कि जब खाते में पैसा जमा हो रहा है तो किसानों को ‘केवाईसी’ कराना पड़ रहा है और साल में चार बार साबित करना पड़ रहा है कि वे जीवित हैं।

उन्होंने केवाईसी और आधार लिंक के मानदंड में कटौती करने की मांग की।

कांग्रेस सांसद ने हाल में मुख्यमंत्री राहत कोष में 100 करोड़ रुपये संग्रहीत होने का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें से कुछ राशि ही महाराष्ट्र के किसानों को दी गयी। उन्होंने सवाल किया, ‘‘…बाकी पैसा कहां गया?’’

उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के लोग चौबीसों घंटे ‘चुनावी मोड’ में रहते हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘हर चुनाव से पहले लोगों को रिझाने की खातिर अनियोजित लोकलुभावन योजना के तहत पैसे बांटे जाते हैं, जिससे देश और राज्यों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, देश में हर बच्चे पर जन्म लेने के साथ ही करीब सवा लाख रुपये का कर्ज हो जाता है, यह है इस भाजपा सरकार की देन।’’

शिंदे ने दावा किया कि महाराष्ट्र में जल जीवन मिशन में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी वजह से कमेटी ने राज्य में इस योजना के तहत 46 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव किया है।

तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को जल जीवन मिशन, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और पीएम आवास योजना के तहत धन नहीं दिया जा रहा।

एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात कहती है लेकिन यूरिया, डीएपी और पोटाश का बहुतायत में आयात हो रहा है और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन का वर्चस्व है।

निर्दलीय सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि रुपया गिर नहीं रहा, डॉलर मजबूत हो रहा है, जबकि विदेशी मुद्रा लगातार घट रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रा प्रबंधन की विफलता सबसे क्रूर आर्थिक नीति होती है और इसका खामियाजा सबसे ज्यादा गरीबों को भुगतना पड़ता है।’’

यादव ने कहा कि किसानों को एआई के माध्यम से कृषि प्रबंधन सिखाया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारी खत्म करने के लिए ठोस समाधान नहीं किए और केंद्र तथा राज्य सरकारों में कई पद खाली हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार ने बेरोजगारी की समस्या का इलाज नहीं किया तो बेरोजगार खुद अपना हक पाने के लिए राजधानी को घेर लेगा।’’

उन्होंने कहा कि युवाओं ने तीसरी बार मोदी सरकार को चुना है, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी (सपा) के आनंद भदौरिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अच्छी शिक्षा चाहिए तो निजी शिक्षण संस्थानों में, अच्छा इलाज चाहिए तो निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है और शुद्ध पानी चाहिए तो जलजीवन मिशन से काम नहीं चलेगा बोतलबंद पानी खरीदना पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि किसान अगर खेतों में पराली जलाता तो ‘सैटेलाइट’ से देखकर उस पर मुकदमा कर दिया जाता है और ‘‘जब फसल चौपट हो जाती है तो सरकार का ‘सैटेलाइट’ कहां चला जाता है?’’

सपा सांसद ने खेतों में पराली नष्ट करने का सरकार द्वारा कोई इंतजाम किये जाने तक प्रति एकड़ कम से कम दो हजार रुपये किसानों को देने की मांग की।

भाषा

सुभाष वैभव सुभाष अविनाश

अविनाश