किसान नेताओं के आरोपों पर दीप सिद्धू का पलटवार

किसान नेताओं के आरोपों पर दीप सिद्धू का पलटवार

किसान नेताओं के आरोपों पर दीप सिद्धू का पलटवार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: January 28, 2021 10:59 am IST

चंडीगढ, 28 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाए जाने की घटना के बाद आलोचना का सामना कर रहे अभिनेता तथा कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने किसान नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है।

सिद्धू (36) ने दावा किया कि ट्रैक्टर परेड के दौरान युवा उस रास्ते पर जाने के लिये राजी नहीं थे, जिस पर किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस सहमत हुई थी।

उन्होंने दावा किया कि 26 जनवरी को लोग ”खुद ही” लाल किले की ओर निकल पड़े और अनेक लोगों ने वह रास्ता नहीं पकड़ा जो किसान नेताओं ने तय किया था।

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सिद्धू ने ”भाजपा तथा आरएसएस का आदमी” होने के किसान नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि ”आरएसएस या भाजपा को कोई आदमी लाल किले पर ‘निशान साहिब’ लगाएगा? कम से कम इतना तो सोचना चाहिये।”

गौरतलब है कि जिस समय लाल किले पर धार्मिक और किसान झंडे लगाए गए तब सिद्धू वहीं पर मौजूद थे। इस घटना के बाद जबदस्त आक्रोश फैल गया था।

सिद्धू ने उन किसान नेताओं के दावों को खारिज कर दिया, जिन्होंने उनपर प्रदर्शनकारियों को उकसाने और लाल किले की ओर ले जाने का आरोप लगाया था।

सिद्धू ने फेसबुक पर अपलोड किये गए अपने ताजा वीडियो में कहा, ”मैं इस दुष्प्रचार और मेरे खिलाफ फैलाई जा रही घृणा को देख रहा हूं।”

सिद्धू ने 25 जनवरी की रात क्या हुआ था उसकी जानकारी देते हुए कहा कि युवक और कई अन्य लोगों ने किसान नेताओं को बताया था कि उन्होंने (किसान नेताओं) ने उन्हें 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिये बुलाया था। और यह भी बताया था कि उन्होंने अंतिम समय में अपने रुख में बदलाव किया है।

सिद्धू ने कहा कि वह लालकिले का दरवाजा टूटने के बाद वहां पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि वहां हजारों लोग पहुंच चुके थे, लेकिन कोई किसान नेता वहां नहीं था।

सिद्धू ने दावा किया इस दौरान किसी ने न तो हिंसा की और न ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

सिद्धू ने कहा कि उन्होंने अपना विरोध जताने के लिये निशान साहिब और किसानों का झंडा लगाया था।

उन्होंने कहा, ”अगर आप कह रहे हैं कि ऐसा करके मैं गद्दार बन गया हूं तो उस समय वहां मौजूद सभी लोग गद्दार हुए। ”

सिद्धू ने कहा, ”अगर आप उन सभी चीजों को ठीकरा एक आदमी के सिर फोड़ रहै हैं और मुझे गद्दार करार दे रहे हैं तो आपको खुद पर शर्म आनी चाहिये।”

गौरतलब है कि बुधवार को किसान नेताओं ने सिद्धू को ”गद्दार” बताते हुए राज्य में उनके बहिष्कार का आह्वान किया था। किसान नेताओं ने उन्हें सरकार का ”एजेंट” करार दिया था।

भाषा जोहेब माधव

माधव


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