(सिद्धांत मिश्रा)
नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में आए भीषण तूफान के कारण लगभग 200 राष्ट्रीय ध्वजों के क्षतिग्रस्त होने के एक दिन बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 500 स्थानों पर लगाए गए ऐसे ध्वजों के रखरखाव के लिए एक निजी एजेंसी की मदद ली जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में बुधवार देर शाम भयंकर ओलावृष्टि, भारी बारिश और 79 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान के बाद इससे जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। इस बीच कई पेड़ गिर गए, सड़क परिवहन और हवाई परिचालन प्रभावित हुआ।
यहां एक अधिकारी के अनुसार, 115 फुट ऊंचे खंभों पर ‘पॉलिएस्टर’ से बने झंडे लगाए गए थे ताकि उन्हें बार-बार नुकसान न पहुंचे। हालांकि, वे तेज हवाओं का सामना नहीं कर सके।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने क्षतिग्रस्त हुए इन राष्ट्रीय ध्वजों को बदलने का काम सुबह से ही शुरू कर दिया है। झंडों की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए 10 टीम मौके पर हैं और करीब 200 झंडों को बदलने की जरूरत होगी। यह काम अगले दो दिनों में पूरा हो जाएगा।’’
पीडब्ल्यूडी ने इन बड़े झंडों के रखरखाव के मकसद से दो साल के लिए एक एजेंसी को नियुक्त किये जाने की निविदा जारी की है, जिसकी लागत 27 करोड़ रुपये रखी गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में इन बड़े तिरंगों को लगाए जाने की शुरुआत 2022 में हुई थी और पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अपने ‘देशभक्ति’ बजट के तहत राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के उद्देश्य से इस पहल की घोषणा की थी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में यह दूसरी बार है जब झंडे क्षतिग्रस्त हुए हैं। कुछ दिन पहले ही लगभग सभी झंडे क्षतिग्रस्त हो गए थे और हमने उन्हें बदल दिया था। हम जल्द ही उनके रखरखाव के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए एक निविदा जारी की गई है।’’
भाषा यासिर नरेश
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