दिल्ली आबकारी ‘घोटाला’: उच्च न्यायालय ने समीर महेंद्रू की अंतरिम ज़मानत बढ़ाने से इनकार किया

दिल्ली आबकारी ‘घोटाला’: उच्च न्यायालय ने समीर महेंद्रू की अंतरिम ज़मानत बढ़ाने से इनकार किया

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  • Publish Date - April 27, 2023 / 05:59 PM IST,
    Updated On - April 27, 2023 / 05:59 PM IST

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति में कथित अनियमितता से जुड़े धनशोधन के मामले में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू की अंतरिम ज़मानत को मेडिकल आधार पर बढ़ाने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।

उच्च न्यायालय ने महेंद्रू को एक मई को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश देते हुए कहा कि अंतरिम ज़मानत देने के चलन को नियमित ज़मानत का विकल्प नहीं बनाया जा सकता है।

महेंद्रू के वकील ने कहा कि उनका एक ऑपरेशन होना है और इसके लिए डॉक्टरों ने पांच मई की तारीख दी है। इसके बाद अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चार मई को आरोपी को संबंधित डॉक्टर के पास ले कर जाएं।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा, “ अगर जरूरी हुआ और डॉक्टर ने सलाह दी तो याचिकाकर्ता को अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। जेल अधिकारियों के गार्ड को वहां तैनात किया जाए। याची की पत्नी और नाबालिग बच्चों को उनसे मिलने दिया जाए और उनकी मदद करने दी जाए। मेडिकल सलाह के तहत उन्हें खाना दिया जाए।”

उच्च न्यायालय ने संबंधित डॉक्टर से कहा कि वह ऑपरेशन के बाद एक रिपोर्ट दाखिल करे और उसमें बताएं कि ऑपरेशन के बाद की देखभाल के लिए कितना समय चाहिए।

अदालत ने कहा कि अगर डॉक्टर कहते हैं कि महेंद्रू का ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं है तो उन्हें वापस जेल ले जाया जाए और ऑपरेशन किए जाने की सूरत में, उन्हें 15 मई तक अस्पताल में भर्ती रखा जा सकता है जब अदालत इस मामले को फिर से सुनेगी।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि आरोपी गार्ड तैनात किए जाने और अपने ऑपरेशन का खर्च खुद वहन करेगा।

निचली अदालत ने 28 फरवरी को महेंद्रू को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत प्रदान की थी और उन्हें एक मई को आत्म समर्पण करना है।

नियमित ज़मानत के अलावा, उन्होंने ऑपरेशन के बाद देखभाल के लिए अपनी अंतरिम ज़मानत की मियाद कम से कम 12 हफ्ते बढ़ाने की मांग की थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह 60 दिन से अंतरिम ज़मानत पर हैं और ऐसी परेशानी से नहीं जूझ रहे हैं जिससे उनकी ज़िदंगी को खतरा हो।

अभियोजन के मुताबिक, अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति से कथित रूप से फायदा पाने वाले लोगों में महेंद्रू भी शामिल हैं। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि महेंद्रू ने कथित अनियमितताओं से लगभग 50 करोड़ रुपये कमाए।

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इस मामले में आरोपी हैं।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश