CCTV Cameras Mandatory Order: बड़ी खबर.. हर मेडिकल स्टोर में CCTV कैमरा लगाना अनिवार्य, राज्य सरकार ने इस वजह से लिया फैसला
नमें आमतौर पर मनोविकार नाशक पदार्थ शामिल होते हैं और इन्हें वैध चिकित्सकीय नुस्खे के बिना नहीं बेचा जा सकता। गलत इस्तेमाल के कारण इनके भंडारण और बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। सभी फार्मेसियों और केमिस्टों को इस महीने के अंत तक कैमरे लगाने की सलाह दी गई है।
CCTV Cameras Mandatory Order || Image- IBC24 News File
- बिना पर्चे दवा बिक्री रोकने को कैमरे अनिवार्य
- दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी लगाने का आदेश जारी किया
- शेड्यूल H, H1, X दवाओं पर निगरानी बढ़ेगी
CCTV Cameras Mandatory Order: नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने जुलाई के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया है। यह फैसला 11वें एनसीओआरडी के तहत हुई एक मीटिंग के बाद लिया गया है। इसका मकसद बिना डॉक्टर के पर्ची के अनुसूची एच, एच1 और एक्स दवाओं की बिक्री पर रोक लगाना है। सरकार ने यह फैसला उन दवाओं के बिक्री पर रोक लगाने के लिए भी जरूरी माना जा रहा है, जिन दवाओं का इस्तेमाल नशे के तौर पर किया जाता है।
सरकार ने यह फैसला अफसरों को मिल रही लगातार शिकायतों के बाद लिया है। शिकायत यह थी कि, दवाओं का दुरुपयोग नशे के लिए, जानवरों पर, यहाँ तक कि कपड़ों, रसायनों और खाद्य सामग्रियों में मिलाने के लिए भी किया जा रहा है। इस फैसले से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दिल्ली सरकार के कोऑर्डिनेशन से निगरानी की उम्मीद है।
CCTV Cameras Mandatory Order: इस संबंध में जारी पत्र में कहा गया है, “राष्ट्रीय नारकोटिक्स समन्वय पोर्टल के प्रावधानों के अनुसार, नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के सहयोग से, बिना डॉक्टर के पर्चे के दोहरे उपयोग वाली दवाओं की बिक्री को रोकने, रोकने और हतोत्साहित करने की सलाह दी गई है और इस मामले पर 1 अगस्त 2024 की तारीख वाला एक परामर्श पहले ही जारी किया जा चुका है।”
शेड्यूल एच की दवाएँ सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में से हैं। जैसे दर्द निवारक और मौसमी फ्लू की दवाएँ। ये आमतौर पर सबसे ज़्यादा बिकने वाली ओवर-द-काउंटर दवाएँ होती हैं, हालाँकि तकनीकी रूप से इनके लिए डॉक्टर के पर्चे की ज़रूरत होती है। अनुसूची एच1 की दवाओं के लिए नियम ज़्यादा सख्त हैं।
केमिस्टों को अपनी बिक्री का एक रजिस्टर रखना अनिवार्य है, जिसमें दवा लिखने वाले डॉक्टर और मरीज़ का विवरण भी शामिल हो।
अंतिम श्रेणी, अनुसूची X की दवाएँ , सबसे सख्त नियामक श्रेणी में आती हैं। इनमें आमतौर पर मनोविकार नाशक पदार्थ शामिल होते हैं और इन्हें वैध चिकित्सकीय नुस्खे के बिना नहीं बेचा जा सकता। गलत इस्तेमाल के कारण इनके भंडारण और बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। सभी फार्मेसियों और केमिस्टों को इस महीने के अंत तक कैमरे लगाने की सलाह दी गई है।
टेन न्यूज़ नेटवर्क
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