(श्रुति भारद्वाज)
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दिल्ली सरकार सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल से गैर-शिक्षण कार्यों जैसे ‘पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन’ बनाने, पाठ्येतर गतिविधियों के लिए नये विचारों की खोज करने और फोटो संपादित करने आदि का प्रशिक्षण देगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाने के लिए अधिक समय देना और दोहराव वाले तथा अधिक समय लेने वाले काम को प्रौद्योगिकी की मदद से आसान बनाना है।
उन्होंने बताया कि योजना के हिस्से के रूप में सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर विज्ञान के 100 शिक्षकों का चयन किया जाएगा और इन कार्यों को सरल बनाने के लिए तैयार किये गये विभिन्न ‘एआई टूल’ का इस्तेमाल करने के लिये प्रशिक्षित किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया, “प्रशिक्षण के बाद ये 100 शिक्षक ‘मास्टर ट्रेनर’ के रूप में 50 चुनिंदा सरकारी विद्यालयों का दौरा करेंगे और अन्य शिक्षकों को इन ‘एआई टूल’ का प्रभावी ढंग से उपयोग करने का प्रशिक्षण देंगे।”
उन्होंने बताया, “हम न केवल इस कार्यक्रम को शुरू कर रहे हैं, बल्कि शिक्षकों से प्रतिक्रिया प्राप्त कर यह भी पता लगाएंगे कि वे एआई उपकरणों का सही तरीके से उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं।”
अधिकारी ने बताया कि कुछ शिक्षक शुरू में एआई के उपयोग को लेकर झिझक रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि यह उनकी नौकरी छीन सकता है।
उन्होंने बताया, “इस पहल के माध्यम से हम उन्हें (शिक्षकों को) आश्वस्त करना चाहते हैं कि एआई उनकी मदद करने के लिए है, न कि उनकी जगह लेने के लिए।”
अधिकारी ने बताया कि इस पहल का लक्ष्य शिक्षकों के गैर-शिक्षण कार्यभार को कम करना है, ताकि वे शिक्षण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें।
उन्होंने बताया कि शिक्षक अक्सर प्रस्तुतियां तैयार करने, दृश्य सामग्री के लिए छवियों को संपादित करने और सांस्कृतिक या पाठ्येतर गतिविधियों के लिए विचार ढूंढने में काफी समय खर्च करते हैं।
अधिकारी ने बताया, “अगर एआई इन कार्यों में मदद कर सकता है, तो शिक्षकों के पास विद्यार्थियों से जुड़ने और अपने शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अधिक समय होगा।”
भाषा जितेंद्र दिलीप
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