फरीदाबाद, 31 दिसंबर (भाषा) एक महिला से कथित तौर पर रात भर चलती वैन में सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उसे तेज रफ़्तार वाहन से एक सुनसान सड़क पर फेंक दिया गया, जिससे उसे सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि तीन बच्चों की मां के साथ यह घटना मंगलवार तड़के कम आबादी वाली गुड़गांव-फरीदाबाद सड़क पर हुई। यह घटना 13 साल पहले दिसंबर में निर्भया बलात्कार मामले की याद दिलाती है।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद पुलिस ने बुधवार को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के रहने वाले दोनों आरोपियों को शहर की एक अदालत में पेश किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
वैवाहिक कलह के कारण अपने माता-पिता के घर पर रह रही 25 वर्षीय महिला के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आयी हैं तथा उसे 12 से ज्यादा टांके लगाने पड़े हैं। उसे राष्ट्रीय राजधानी से सटे फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि महिला की हालत गंभीर है और वह अभी बयान दर्ज कराने की स्थिति में नहीं है।
पुलिस के अनुसार, फरीदाबाद में रहने वाले दोनों आरोपियों ने किसी परिवहन का इंतजार कर रही महिला को लिफ्ट देने की पेशकश की। दोनों आरोपी उसे उसके गंतव्य तक ले जाने के बजाय गुरुग्राम की ओर ले गए और कार के अंदर ही उसके साथ बलात्कार किया।
पुलिस ने बताया कि महिला को पूरी रात वैन में घुमाया गया और करीब तीन बजे राजा चौक के पास 90 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चल रहे वाहन से उसे बाहर फेंक दिया गया।
बहुत ज़्यादा खून बहने के बावजूद महिला ने किसी तरह अपनी बहन को फ़ोन किया, जो मौके पर पहुंची और उसे बादशाह खान सिविल अस्पताल ले गई।
उसकी चोटों की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों ने सलाह दी कि उसे दिल्ली ले जाया जाए लेकिन परिवार ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि उसे काफी चोटें आई हैं, जिसमें चेहरे की हड्डियां टूटना और कंधा उतरना (डिसलोकेट) शामिल है।
उन्होंने बताया, ‘‘सर्जरी की तैयारी की जा रही है और महिला की हालत खतरे से बाहर है। ऐसा लगता है कि चोटें किसी सख्त चीज़ से लगी हैं या सड़क पर फेंके जाने से लगी हैं। पुलिस ने जांच के लिए नमूने एफएसएल भेज दिए हैं।’’
पीड़िता की बहन ने अपनी शिकायत में कहा कि गाड़ी से बाहर फेंकें जाने के बाद उसकी बहन को गंभीर चोटें आयीं। उसने बताया, ‘‘उसकी हालत को देखते हुए हमने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया।’’
शिकायत के मुताबिक, 25 साल की महिला सोमवार शाम को सेक्टर 23 में अपनी दोस्त के घर गई थी और जब वह घर लौट रही थी तो आरोपियों ने उसे लिफ्ट देने की पेशकश की।
महिला उन दोनों व्यक्तियों को नहीं जानती थी।
पुलिस ने बताया कि अपराध में इस्तेमाल की गई वैन को जब्त कर लिया गया है और आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता यशपाल यादव ने कहा, ‘‘टीआईपी (टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड) प्रक्रिया के कारण इस समय आरोपियों के नाम और फोटो का खुलासा नहीं किया जा सकता। आगे की जांच जारी है।’’
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि इस भयानक घटना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा में कानून-व्यवस्था की नाकामी को उजागर कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा शासन में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस घटना से राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं और ऐसे अपराधों को रोकने में नाकाम रहने के लिए पुलिस प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराया।
कांग्रेस नेता ने मामले की फास्ट-ट्रैक सुनवाई की भी मांग की और पीड़िता के लिए पर्याप्त मुआवज़े और पूरी सुरक्षा के साथ-साथ उच्च-स्तरीय जांच और ज़िम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा की बेटियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। भाजपा सरकार को इस घटना की नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए।’’
ठीक 12 साल पहले दिसंबर 2012 में एक युवा प्रशिक्षु चिकित्सक से चलती बस में बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे दिल्ली हवाई अड्डे के पास फेंक दिया गया था। उसकी चोटें इतनी गंभीर थीं कि 13 दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। उस समय पीड़िता को ‘निर्भया’ नाम दिया गया था।
इस मामले के बाद देश में दुष्कर्म संबंधी कानूनों में व्यापक बदलाव किए गए थे।
भाषा गोला नरेश पवनेश
पवनेश