दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी के समन के खिलाफ केजरीवाल की याचिका 15 मई के लिए सूचीबद्ध की |

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी के समन के खिलाफ केजरीवाल की याचिका 15 मई के लिए सूचीबद्ध की

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी के समन के खिलाफ केजरीवाल की याचिका 15 मई के लिए सूचीबद्ध की

:   Modified Date:  April 22, 2024 / 04:32 PM IST, Published Date : April 22, 2024/4:32 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को 15 मई के लिए सूचीबद्ध कर दी।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने एजेंसी की ओर से सौंपे गए जवाब पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान करने से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था।

ईडी के वकील ने दलील दी कि याचिका का कोई महत्व नहीं रह गया है क्योंकि केजरीवाल को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हलफनामा इन प्राथमिक मुद्दों पर है कि कैसे यह विषय (अब) महत्वहीन हो गया है।’’

एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी को एक अलग याचिका में केजरीवाल ने चुनौती दी है और अपील अभी उच्चतम न्यायालय में लंबित है। यह याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी।

पीठ में न्यायमूर्ति मनोज जैन भी शामिल रहे। पीठ ने पूछा कि अब इस विषय में क्या बच गया है।

केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वह ईडी के प्रत्युत्तर पर जवाब दाखिल करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धन शोधन रोधी एजेंसी द्वारा की गई ‘‘शुरूआती कार्रवाई’’ कानून (धन शोधन निवारण अधिनियम) के अनुरूप नहीं थी।

आप के राष्ट्रीय संयोजक ने उन्हें ईडी द्वारा नौवां समन जारी किये जाने के मद्देनजर उच्च न्यायालय का रुख किया था। उस समन में, उनसे 21 मार्च को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया था। उसी दिन शाम में उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह अभी तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

संघीय एजेंसी का आरोप है कि मामले में अन्य आरोपी आबकारी नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे जिसे अब रद्द किया जा चुका है। यह भी आरोप है कि इस नीति के परिणामस्वरूप आरोपियों को फायदा हुआ और इसके बदले में उन्होंने आम आदमी पार्टी को रिश्वत दी थी।

भाषा सुभाष वैभव

वैभव

 

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