दिल्ली दंगे: आरोपियों ने “मानवता के खिलाफ अपराध” किया, पुलिस ने आरोपपत्र में कहा

दिल्ली दंगे: आरोपियों ने “मानवता के खिलाफ अपराध” किया, पुलिस ने आरोपपत्र में कहा

  •  
  • Publish Date - November 25, 2020 / 01:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) दिल्ली दंगों के मामले में यहां एक अदालत में दायर अपने पूरक आरोपपत्र में पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने हाल के दंगों में “मानवता के खिलाफ अपराध” किया जिसे “बेहद बर्बर”, “विकृत” और “नृशंस” तरीके से अंजाम दिया गया।

इस आरोपपत्र में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और जेएनयू छात्र शरजील इमाम का भी आरोपियों के तौर पर नाम है। इसमें कहा गया है कि इस “गैरकानूनी” कृत्य को अंजाम देने के लिए आरोपियों के बीच “गुपचुप सहमति” थी।

इसमें कहा गया है कि “सुनियोजित अभियान” के तहत उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के दिमाग में डर और असुरक्षा की भावना पैदा की।

पुलिस ने रविवार को दायर आरोपपत्र में दावा किया, “आरोपी व्यक्तियों द्वारा बेहद बर्बर, विकृत और नृशंस तरीके से इस अपराध को अंजाम दिया गया। निर्दोष और असहाय लोगों को इस खतरनाक तथा खौफनाक अपराध में निशाना बनाया गया। लोगों की जान गई।”

इसने आरोपपत्र में दावा किया, “आरोपियों ने मानवीय मूल्यों के प्रति पूर्ण अनादर दिखाया और उनके भ्रष्ट, क्रूर तथा साजिशपूर्ण दिमाग से यह साजिश उपजी। आरोपियों ने मानवता के खिलाफ अपराध को अंजाम दिया।”

इसमें आगे कहा गया कि आपराधिक साजिश जारी रही और इसे पुलिस के खुलासे तथा आरोपियों की गिरफ्तारी से झटका लगा लेकिन यह न तो बंद हुई और न ही इसे छोड़ा गया।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को संशोधिन नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी और 200 अन्य घायल हुए थे।

भाषा

प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

नेत्रपाल