दिल्ली दंगे : अभियोजन ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलीलें पूरी की

दिल्ली दंगे : अभियोजन ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलीलें पूरी की

दिल्ली दंगे : अभियोजन ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलीलें पूरी की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: September 7, 2022 8:27 pm IST

नयी दिल्ली, 07 सितंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने राजधानी में 2020 में हुए दंगों के सिलसिले में बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी दलीलें पूरी करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध किया।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने खालिद के वकील द्वारा जवाबी दलीलें पेश किये जाने के लिए नौ सितंबर की तारीख मुकर्रर की।

उच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष और खालिद के वकीलों को कहा कि वे अपनी लिखित दलीलें भी पेश करें।

 ⁠

एक अगस्त से अपनी दलीलें रखना शुरू करने वाले अभियोजन पक्ष ने खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि फरवरी 2020 में अमरावती में उसके द्वारा दिया गया भाषण “बहुत ही सोच समझ कर तैयार किया गया भाषण” था, जिसमें बाबरी मस्जिद, तीन तालक, कश्मीर मसले, मुसलमानों का दमन और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) आदि जैसे मामले शामिल थे।

विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने गवाहों द्वारा दिए गए कई बयानों का बुधवार को हवाला दिया और खालिद के अमरावती भाषण के एक हिस्से को भी पढ़कर सुनाया।

खालिद के वकील ने पहले कहा था कि केवल एक व्हाट्सऐप ग्रुप की सदस्यता उनके मुवक्किल को आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं बना सकती है।

खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है।

खालिद के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों पर भी गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) तथा भारतीय दंड सहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भाषा सुरेश सुभाष

सुभाष


लेखक के बारे में