उत्तर प्रदेश। आगरा में एक जज को पुलिसकर्मी ड्राइवर को दंडित करना भारी पड़ गया है। दरअसल, यहां के एक जज ने एक पुलिसकर्मी ड्राइवर को कार के लिए रास्ता नहीं देने पर उन्हें बिना वर्दी के खड़े रहने की सजा सुना दी थी। पुलिसकर्मी जज की कोर्ट में बिना कपड़ों के 25 मिनट खड़ा रहा था। जल्द ये खबर पुलिस महकमें के आला अधिाकरियों तक पहुंच गई। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने इस मामले में ट्वीट करने और आगरा के एसएसपी द्वारा मामले को उच्च न्यायालय को रेफर करने के बाद जज का तुरंत ट्रांसफर कर दिया गया है।
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जज का तबादला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मयंक कुमार जैन के आदेश पर हुआ किया गया है। घटनाक्रम कुछ इस तरह हुआ कि आगरा पुलिस लाइन में तैनात ड्राइवर घूरे लाल ने पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार से शिकायत की थी कि एक न्यायिक अधिकारी ने शुक्रवार को कोर्ट में बुलाकर उसकी वर्दी उतरवा दी।
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सिपाही के मुताबिक, न्यायिक अधिकारी ने उससे कहा कि उसने उनकी गाड़ी को साइड नहीं दी, इसलिए यह दंड दिया जा रहा है। यह कार्रवाई आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार द्वारा प्रशासनिक जज और जिला जज को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर हुई है। बता दें कि घटना शुक्रवार दिन की है, जब वज्र वाहन जिला कारागार से किशोर कैदियों को लेकर मलपुरा क्षेत्र के सिरोली रोड पर स्थित किशोर न्यायलय बोर्ड जा रहा था, उसी दौरान पीछे से किशोर न्यायालय बोर्ड के जज संतोष कुमार यादव अपनी कार से आ रहे थे। जज की कार के चालक ने साइड देने के लिए हॉर्न और हूटर का इस्तेमाल किया, लेकिन सिपाही चालक ने जज की गाड़ी को साइड नहीं दी। थोड़ी देर में वज्र वाहन कोर्ट पहुंचा। उसके पीछे जज भी अपनी कार से पहुंचे।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>DGP UP OP Singh has taken the issue of ordering a constable in uniform to disrobe in a court very seriously & taken it up at t appropriate level. We stand by t dignity of each & every Police Personnel & appeal to all t sections of society to respect the honour of uniformed forces</p>— UP POLICE (@Uppolice) <a href=”https://twitter.com/Uppolice/status/1155012067952230400?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 27, 2019</a></blockquote>
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किशोर न्यायालय के जज ने वज्र वाहन चालक को बुलाया और साइड न देने के लिए जमकर फटकार लगाई और चालक की वर्दी भी उतरवा दी। इस घटना के वक्त कोर्ट परिसर में काफी लोग भी मौजूद थे। वहां मौजूद किसी शख्स ने इस बात की जानकारी कंट्रोल रूम को दे दी। मामला उछलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की। जज से अनुराध करने के बाद ही ड्राइवर को वर्दी पहनने दी गई।
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एसएसपी ने ड्राइवर घूरे लाल और वज्र वाहन में साथ चल रहे तीनों सिपाहियों को पुलिस लाइन बुलाकर उनका बयान दर्ज किया। इसके बाद मामले की पूरी रिपोर्ट प्रशासनिक जज और जिला जज को भेज दी। शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मयंक कुमार जैन के आदेश पर जज का तबादला कर दिया गया है।
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