Supreme court on petition against dolo company

फार्मा कंपनी DOLO के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका, इस मामले में बढ़ सकती है मुश्किलें, जानिए पूरी खबर

देश के कई डॉक्टरों को बुखार की दवा डोलो-650 मरीजों को देने के लिए 1000 करोड़ के फ्री गिफ्ट बांटे गए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : August 19, 2022/12:41 pm IST

Supreme Court On Dolo: कोरोना महामारी के दौरान पैरासिटामोल दवा ‘डोलो’ सबसे ज्यादा बिकी। यह बुखार के लिए काफी असरदार दवा थी। दवा इतनी ज्यादा बिकी की कंपनी का टर्नओवर कुछ ही महीनों में कई हजार करोड़ तक पहुंच गया। इससे जुड़ी हुई जो सबसे बड़ी खबर आ रही है वह यह है कि डोलो कंपनी अब मुश्किल में पड़ गई है। ऐसे इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में डाली गई एक याचिका में ये दावा किया गया है कि महामारी के दौरान देश के कई डॉक्टरों को बुखार की दवा डोलो-650 मरीजों को देने के लिए 1000 करोड़ के फ्री गिफ्ट बांटे गए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

read more:  Petrol-Diesel Price Update: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में होगी भारी कटौती! सरकार ने उठाया ये कदम, जल्द मिल सकती महंगाई से राहत

इन्होंने किया है दावा

Supreme Court On Dolo: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में ये दावा फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय पारिख ने किया है। पारिख ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT ) की रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है।

जस्टिस ने बताया अपना अनुभव

Supreme Court On Dolo: मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच के द्वारा की गई। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने खुद का अनुभव बताते हुए कहा कि – ‘जो आप कह रहे हैं, वो मुझे सुनने में अच्छा नहीं लग रहा। ये वही दवाई है, जिसका कोविड के दौरान मैंने खुद इस्तेमाल किया। मुझे भी इसका इस्तेमाल करने के लिए बोला गया था। ये वाकई गम्भीर मसला है।’

ये भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ः स्कूलों में होगी स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति, अभ्यर्थी इस तारीख तक कर सकते हैं आवेदन

दवा कंपनीयों पर हो कार्रवाई

Supreme Court On Dolo: कोर्ट में दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह के मामलों में रिश्वत के लिए डॉक्टरों पर तो केस चलता है, पर दवा कंपनियां बच जाती है। याचिका में डॉक्टरों को तोहफे देने वाली दवा कंपनियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई।

Read More: Bhilai : दुर्घटना में छात्रा की मौत | 9 घंटे Raipur-Durg National Highway जाम, Police ने बरसाया लाठी

बनाई जाए यूनिफॉर्म कोड

Supreme Court On Dolo: याचिका में यह भी मांग की गई है कि फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज के लिए यूनिफॉर्म कोड (UCPMP) बनाई जाए। जिसके न होने से अभी मरीजों को ब्रांडेड कंपनियों की बहुत ज्यादा कीमत वाली दवाई खरीदनी पड़ती है। क्योंकि डॉक्टर गिफ्ट के लालच में मरीजों को वही दवाई पर्चे पर लिखकर देते हैं।

केन्द्र सरकार से भी मांगा गया जवाब

Supreme Court On Dolo: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 10 दिनों बाद होगी। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) केएम नटराज ने कहा कि सरकार की ओर से हलफनामा लगभग तैयार है। इसे शीर्ष अदालत में दाखिल किया जाएगा।

Read more: IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें