नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू)और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य शैक्षणिक संस्थान वर्ष में दो बार प्रवेश प्रणाली को लागू करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं, जिससे छात्र साल में दो बार दाखिले के लिए आवेदन कर सकेंगे।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 में हालांकि एक महीने से भी कम समय में शुरू हो रहा है इसलिए अभी इस योजना पर पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई है।
कुलपति योगेश सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इन बाधाओं को देखते हुए डीयू ने अगले शैक्षणिक सत्र से चुनिंदा पाठ्यक्रमों के लिए प्रायोगिक परियोजना के साथ वर्ष में दो बार प्रवेश प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है।
सिंह ने कहा, “छात्रों के हित में यूजीसी द्वारा यह एक अच्छी पहल है। हालांकि, इसे पूरी तरह से लागू करने में कुछ समय लगेगा क्योंकि छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए जगह बनाने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी।”
उन्होने कहा, “हमारे शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश पहले ही शुरू हो चुके हैं, इसलिए हम इसे इस वर्ष से लागू नहीं कर पाएंगे। हम इसे शुरुआत में कुछ पाठ्यक्रमों के लिए प्रायोगिक परियोजना के रूप में अपनाएंगे और बाद में अन्य कार्यक्रमों के लिए निर्णय लेंगे।”
स्थायी कुलपति के अभाव में काम कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया ने कहा कि वह इस प्रणाली को लागू करने के लिए वैधानिक निकायों से मंजूरी की प्रतीक्षा करेगा।
कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद शकील ने कहा कि यदि आवश्यक मंजूरी मिल जाती है तो विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश के लिए यह विकल्प अपना सकता है।
उन्होंने कहा, “यह मामला आगामी कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा तथा परिषद के सम्मानित सदस्यों से निर्देश प्राप्त किए जाएंगे कि वर्ष में दो बार प्रवेश के संबंध में यूजीसी द्वारा की गई घोषणा पर किस प्रकार आगे बढ़ा जाए।”
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में वर्ष में दो बार प्रवेश प्रणाली के कार्यान्वयन पर कोई स्पष्टता नहीं थी, क्योंकि अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका।
इस बीच, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय जैसे राज्य विश्वविद्यालय भी नयी प्रवेश प्रणाली को अपनाने की योजना बना रहे हैं।
भाषा प्रशांत माधव
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