Bilaspur News: छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ये लोग, हाईकोर्ट ने खारिज की ये याचिका, कही ये बड़ी बात
छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ये लोग, These people will not be able to contest the elections of Chhattisgarh State Bar Council
Bilaspur High Court Latest News || Image- High Court Of Chhattisgarh file
बिलासपुरः Bilaspur News: हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में निर्वाचित पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की इस अधिसूचना को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने खारिज कर दी है। अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी चल रही है।
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Bilaspur News: बता दें कि छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की गई है। जिसके तहत 7 अगस्त से नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, जो 14 अगस्त तक चलेगी। जिसके बाद चुनाव होगा। स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों का चुनाव होना है, जिसमें प्रदेश भर के अधिवक्ता मतदान करेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों के निर्वाचित सदस्य स्टेट बार के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों का मनोनयन करेंगे। स्टेट बार काउंसिल चुनाव में जिला अधिवक्ता संघ के साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने से वोटर्स को प्रभावित करने की आशंका है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चुनाव के लिए केंद्र सरकार की इस अधिसूचना को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव वरूणेंद्र मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि इस तरह से पदाधिकारियों के चुनाव पर प्रतिबंध लगाना संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव वरूणेंद्र मिश्रा का कहना है कि छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चुनाव लंबे समय से नहीं हुए हैं, इसके चलते उन्हें नए नियमों की जानकारी नहीं थी। जबकि, यह अधिसूचना साल 2022 में जारी की गई है। लेकिन, इस नियम के चलते जिला अधिवक्ता संघ और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव की याचिका पर मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता, केंद्र सरकार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर तर्क रखे गए। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने याचिका खारिज कर दी है। ऐसे में अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है। बार के पदाधिकारियों का कहना है कि यह उनके स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन है।

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