Dussehra Controversial Ravana Somewhere burnt, somewhere not burnt

विवादों वाला रावण: कहीं जलाया, तो कहीं जला ही नहीं, कहीं पर अपने ड्रेस को लेकर रहा सुर्खियों में, पढ़ें और भी इंट्रेस्टिंग लंकेश की खबर

Dussehra 2022 : इस बार विजयादशमी पर रावण कई मायने में खास रहा। इस बार का रावण का पुतला कहीं लोगों को जलाया, तो कहीं जला ही नहीं और कहीं पर...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : October 5, 2022/10:40 pm IST

Dussehra 2022 : इस बार विजयादशमी पर रावण कई मायने में खास रहा। इस बार का रावण का पुतला कहीं लोगों को जलाया, तो कहीं जला ही नहीं और कहीं पर अपने ड्रेस को लेकर रहा सुर्खियों में रहा। दरअसल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अधिक बारिश हो जाने से रावण का पुतला भीग गया और नहीं जल सका।

दूसरी ओर हरियाणा के यमुनानगर में रावण दहन के दौरान लोगों पर रावण का पुतला ही गिरकर लोगों को जला दिया। झुलसा दिया। इसमें तीन लोग घायल हो गए। हालांकि गनीमत रही कि एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। शहर के दशहरा ग्राउंड में रावण के जलते पुतले में से लकड़ी निकालना लोगों की जान के लिए आफत बन गया। लकड़ी निकालने के दौरान 70 फीट का पुतला गिर गया। जिसके नीचे सात लोग दब गए।

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हरियाणा फतेहाबाद में पुतला बीच में से टूटा

हरियाणा के फतेहाबाद जिले में कई स्थानों पर बुधवार देर शाम को बुराई के प्रतीक रावण के पुतले जलाए गए। रावण का सबसे ऊंचा 70 फुट का पुतला गांव भिरड़ाना में महर्षि दयानंद स्कूल के पास मैदान में जलाया गया। इसके अलावा फतेहाबाद के हुडा सेक्टर की खाली जगह पर श्रीराम सेवा समिति की ओर से पुतला दहन किया गया। यहां पुतला क्रेन से ऊंचा उठाते समय बीच में से टूटकर लटक गया। इससे पुतला दहन कार्यक्रम में देर से हुआ। बड़ी मुश्किल से पुतले को जेसीबी के सहारे उठाकर दहन करवाया गया।

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पोशाक को लेकर रहा विवादों में

असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक पर्व विजयदशमी पर लंकाधिपति रावण का पुतला अपनी तिरंगा पोशाक को लेकर विवादों में घिर गया। कुछ देशभक्तों ने दहन के लिए तैयार किए गए पुतले की पोशाक को तिरंगा बनाने का विरोध शुरू कर दिया। एलान कर दिया कि इस पोशाक में रावण के पुतले का दहन नहीं होने देंगे तो श्रीराम लीला कमेटी में हड़कंप मच गया। आखिरकार, आनन-फानन में खड़े पुतले पर ही क्रेन की सहायता से पोशाक पर पेंट करके रंग को बदला गया। तब कहीं आक्रोश शांत हुआ और निर्धारित समय पर पुतला दहन हुआ।

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