डीवीसी ने विजयादशमी पर बाढ़ जैसी स्थिति ‘पैदा’ की : ममता का आरोप
डीवीसी ने विजयादशमी पर बाढ़ जैसी स्थिति ‘पैदा’ की : ममता का आरोप
कोलकाता, तीन अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार को पूर्व सूचना दिए बिना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। इसके साथ ही उन्होने डीवीसी पर दो अक्टूबर को विजयादशमी समारोह के दौरान दक्षिण बंगाल के जिलों में जानबूझकर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों में लिखे एक पोस्ट में ममता बनर्जी ने पानी के छोड़े जाने को ‘‘लापरवाह और शर्मनाक’’ बताया और कहा कि इसने ‘‘बंगाल में लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया।’’
उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘विजयादशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है – जो आनंद, उल्लास और नयी उम्मीदों का समय होता है। फिर भी, पश्चिम बंगाल के लोगों को त्योहार शांति से मनाने देने के बजाय, डीवीसी ने राज्य को बिना किसी पूर्व सूचना के 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। यह लापरवाही हमारे पवित्र उत्सवों के दौरान परेशान करने की कोशिश से कम नहीं है।’’
ममता ने इसे ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताते हुए आरोप लगाया कि यह प्राकृतिक आपदा के बजाय ‘‘डीवीसी द्वारा निर्मित आपदा’’ है।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा, ‘‘मैं साफ कर दूं: मैं किसी को भी बंगाल का विसर्जन नहीं करने दूंगी। हमारे लोगों के खिलाफ हर साजिश का पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा। छल पर सत्य की जीत होगी और बुराई पर अच्छाई की विजय होगी। जय मां दुर्गा!’’
इससे पहले, राज्य के अधिकारियों ने कहा था कि मैथन और पंचेत जलाशयों से छोड़ा गया पानी दुर्गापुर बैराज और निचले इलाकों में आया, जिससे बांकुड़ा, पूर्व बर्धमान, हावड़ा और हुगली जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है।
इन जिलों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और नदी तट के संवेदनशील क्षेत्रों पर नज़र रखने को कहा गया है।
डीवीसी पश्चिम बंगाल और झारखंड में 24,235 वर्ग किलोमीटर के प्रबंधित क्षेत्र में फैली एकीकृत बिजली उत्पादन कंपनी है, जिसकी स्थापना 1948 में हुयी थी।
भाषा अविनाश पवनेश
पवनेश

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