‘भूमि के बदले नौकरी’ से जुड़े धनशोधन मामले में लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिली:ईडी

‘भूमि के बदले नौकरी’ से जुड़े धनशोधन मामले में लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिली:ईडी

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  • Publish Date - May 14, 2025 / 07:35 PM IST,
    Updated On - May 14, 2025 / 07:35 PM IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि उसे कथित ‘‘भूमि के बदले नौकरी घोटाला’’ से जुड़े धनशोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की आवश्यक मंजूरी मिल गई है।

यह ‘घोटाला’ उस समय हुआ था जब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। ईडी ने अदालत को बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आठ मई को धन शोधन मामले में लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी।

एजेंसी के मुताबिक राष्ट्रपति मुर्मू ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197(1) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत अनिवार्य अनुमति दे दी।

ईडी द्वारा अभियोजन की मंजूरी मिलने संबंधी जानकारी दिये जाने के बाद बुधवार को विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले की सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ईडी ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त मंजूरी को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक आवेदन दायर किया है। इसे 23 मई, 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।’’

ईडी की ओर से अधिवक्ता मनीष जैन अदालत में पेश हुए। इस मामले की जांच ईडी द्वारा की गई है।

संघीय जांच एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव(76), उनके बेटे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

इससे पहले, जनवरी 2024 में, ईडी ने लालू प्रसाद के परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और प्रसाद के अन्य परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था।

इसमें लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती, एक अन्य बेटी हेमा यादव और दो संबंधित कंपनियों – ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।

अदालत ने हाल ही में इन दोनों आरोपपत्रों (अभियोजन पक्ष की शिकायतों) पर संज्ञान लिया।

ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि लालू प्रसाद 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर भर्ती में हुए ‘भ्रष्टाचार’ में संलिप्त थे।

भाषा धीरज संतोष

संतोष